Jamshedpur : जमशेदपुर कंटीन्यूअस एनीलिंग ऐंड प्रोसेसिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (जेसीएपीसीपीएल) ने एक सार्थक साझेदारी बनाने के लिए कंपनी की 9वीं वर्षगांठ पर टाटा स्टील फाउंडेशन (टीएसएफ) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया. इस समझौता के तहत दिव्यांगों की मदद के लिए जमशेदपुर में पहला सबल केंद्र स्थापित किया जायेगा. इसके अलावा, जेसीएपीसीपीएल जमशेदपुर में अपनी “मस्ती की पाठशाला“ (एमकेपी) पहल को मजबूत करने के लिए टीएसएफ के सहयोग की पेशकश के साथ सक्रिय रूप से काम करेगा.
वन स्टॉप रिसोर्स सेंटर के रूप में काम करेगा केंद्र
एमओयू पर उज्ज्वल चक्रवर्ती, एमडी, जेसीएपीसीपीएल और सौरव रॉय, चीफ, कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी, टाटा स्टील ने हस्ताक्षर किये. “कमिंग टुगेदर“ के रूप में ब्रांडेड तीन साल के इस सहयोग का उद्देश्य टीएसएफ के साथ उद्देश्यपूर्ण ढंग से जुड़ना है और सभी कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी के साथ इन दो उच्च प्रभाव वाली परियोजनाओं के विकास कथा का हिस्सा बनना है.
’’सबल’’ भारत में अपनी तरह का एक अनूठा केंद्र है, जो दिव्यांगों के लिए सम्मानजनक जीवन की कल्पना करता है और उनके कौशल, रोजगार और वित्तीय आत्मनिर्भरता के लिए ‘वन स्टॉप रिसोर्स सेंटर’ है. यह प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण (टीओटी) कार्यक्रम के माध्यम से अन्य संगठनों के साथ-साथ समुदायों के अंदर व्यक्तियों की क्षमता का भी निर्माण करता है. जेसीएपीसीपीएल साकची, जमशेदपुर में रूपांतरण/उन्नयन, कंप्यूटर लैब, अनुभव सह नवाचार केंद्र के रूप में पहला सबल केंद्र स्थापित करने के लिए टीएसएफ के साथ भागीदारी करेगा, आने वाले समय में आवंटित बजट को इस “सैद्धांतिक“ समझौते के माध्यम से इसे संचालित करने के लिए जरूरी मद पर खर्च किया जायेगा. टीएसएफ का लक्ष्य दिसंबर 2021 तक ‘जमशेदपुर सबल केंद्र’ शुरू करना है.
एमओयू से सरजामदा एमकेपी केंद्र में एक वर्ष के लिए 40 बच्चों को मिलेगा सहयोग
‘मस्ती की पाठशाला’ एक नागरिक नेतृत्व वाला कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य जमशेदपुर को बाल श्रम से मुक्त शहर बनाना है. आवासीय और गैर-आवासीय ब्रिज स्कूलों के माध्यम से संरचित यह उन बच्चों को औपचारिक शिक्षा प्रणाली की मुख्यधारा में लाने का प्रयास करता है, जो बाल श्रम के सबसे खराब रूपों (कूड़ा उठाने, भीख माँगने, ईंट-भट्ठा-श्रमिक आदि) में लगे हुए हैं और दुर्व्यवहार का शिकार होते हैं. पिछले चार वर्षों में इस कार्यक्रम को अपार सफलता और सराहना मिली है. यह अब तक 1,200 से अधिक बच्चों तक पहुँचा है. इस एमओयू का उद्देश्य आरंभ में सरजामदा (झारखंड) एमकेपी केंद्र में एक वर्ष के लिए 40 बच्चों को सहयोग प्रदान करना है और इसके बाद, व्यापक लक्ष्य के रूप में निरंतर भागीदारी के माध्यम से केंद्र में 40 बच्चों को पोषित करना है.
हर मील के पत्थर को आगे ले जाना है: चक्रवर्ती
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री चक्रवर्ती ने कहा, “हमें इस पहल की सफलता के लिए सक्रिय समय बिताने की उनकी विशेष भागीदारी के साथ जेसीएपीसीपीएल के सभी कर्मचारियों की भागीदारी की आवश्यकता है. हमें हर मील के पत्थर को आगे ले जाना है और इस यात्रा में सक्रिय रूप से शामिल है.“
श्री रॉय ने कहा, “साझेदारी का उद्देश्य ईमानदारी और नागरिकों के प्रयास के साथ ऐसा मॉडल बनाना है, जो सभी संदर्भों, भौगोलिक क्षेत्रों में काम करेंगे. इन क्षेत्रों में एक ‘दशकीय परिवर्तन लाने’ के प्रयास में जेसीएपीसीपीएल की यह भागीदारी विशेष रूप से सराहनीय है.”