Ranchi : हमें सरकार से अब कोई आश्वासन नहीं चाहिए. हम बात करके थक चुके हैं. किसी राजनीति में नहीं फंसना चाहते. हमें नियुक्ति दे दें, स्कूल भेज दें, बस हमारा यही आग्रह है. जबतक नियुक्ति नहीं, तबतक घर वापसी नहीं. धूप हो, बारिश हो, हम यहीं बैठे रहेंगे. अगर सरकार हमारी नियुक्ति नहीं कर सकती, तो हमें इच्छामृत्यु दे दे. हम यहीं आत्मदाह करने के लिए भी तैयार हैं. हम हाथ जोड़कर सरकार से नियुक्ति के लिए आग्रह करते हैं. ये बातें हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति 2016 के अभ्यर्थियों ने लंबित नियुक्ति के विरोध में कहा.
यह धरना-प्रदर्शन सोमवार को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के आवास के सामने किया गया. प्रदर्शन में इतिहास और राजनीतिशास्त्र के 626 अभ्यर्थी शामिल हुए. धरना में शामिल लोगों ने नियुक्ति दो या मृत्यु दो, सब्र का बांध टूटेगा, राज्य का युवा जुटेगा, कब तक करें इंतजार, यह बताओ हेमंत सरकार, बेरोजगार युवाओं की यही पुकार, नियुक्ति दो हेमंत सरकार जैसे नारे लिखे पोस्टर के साथ शिक्षा मंत्री के आवास के सामने बैठे थे.
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सरकार नियुक्ति प्रक्रिया में धरना प्रदर्शन अनिवार्य लिख दे : मिनेश कुमार महतो
बोकारो के मिनेश कुमार महतो ने मामले में कहा कि 2016 की नियुक्ति है. पांच वर्ष हो गए है. हर मंत्री के चक्कर लगा चुके हैं, पर अभी तक केवल आश्वासन ही दिया गया है. पूरी मेहनत से पढ़ाई कर मेरिट लिस्ट में आकर भी बेरोजगार बैठे हैं. क्यों रोका गया है इसकी कोई जानकारी नहीं है. सरकार नियुक्ति प्रक्रिया में लिख दे कि धरना प्रदर्शन करना है. मेरिट लिस्ट में होने के बाद भी रोड पर बैठना है, तभी नियुक्ति होगी. तो हम वो भी करेंगे, पर हमारी नियुक्ति रोकी न जाये.
हमें आश्वासन नहीं नियुक्ति चाहिए : सुनीता
गोड्डा जिले से सुनीता ने कहा कि हम इतिहास नागरिक के सफल अभ्यर्थी हैं. जेएसएससी ने अनुशंसा कर एचआरडी को भेज दिया गया है. शिक्षा विभाग में फाइल पड़ी है. फिर भी हमारा नियुक्ति नहीं हो रही है. हमारी नियुक्ति क्यों रुकी है, हमें इसकी कोई जानकारी नहीं है. शिक्षा मंत्री से हमारा यही आग्रह है कि हमें जल्द से जल्द नियुक्ति दें. हमें बस आश्वासन दिया जा रहा है. 2017 से हम भटक रहे हैं. हमें आश्वासन नहीं, नियुक्ति चाहिए.
क्या है मामला
आपको बता दें कि झारखंड के 11 गैर-अनुसूचित जिलों में हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति 2016 की प्रक्रिया पिछले 5 वर्षों से लंबित है. रघुवर सरकार ने 2016 में स्थानीय नीति बनाकर हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति की घोषणा की थी. इसमें 13 अनुसूचित जिलों में सिर्फ उसी जिले के अभ्यर्थी नियुक्त किए जाने थे. 11 जिलों को गैर-अनुसूचित घोषित किया गया. बाद में झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार के 13 जिलों में नियोजन नीति को रद्द कर दिया था, लेकिन 11 जिलों के लिए किसी भी प्रकार की कोई रोक नहीं लगायी गयी. इसमें बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, चतरा, हजारीबाग, गढ़वा, रामगढ़, पलामू, गोड्डा, देवघर और कोडरमा जिले शामिल थे.