Patna: नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव ने बिहार में कोरोना महामारी के आगे असहाय लोगों के प्रति लाचारी जताते हुए सरकारी सिस्टम पर गुस्सा निकाला है. उन्होंने कहा कि हमने सर्वदलीय बैठक में महामारी से निपटने के लिए सरकार को इस 30 सकारात्मक सुझाव दिये थे. लेकिन इस अहंकारी सरकार ने एक पर भी अमल नहीं किया. तेजस्वी ने कहा कि आम लोगों की तकलीफ दूर करने की नीतीश सरकार की कोई मंशा ही नहीं है. वह बस विज्ञापन देकर और आंकड़ों को कम कर लोगों की आंख में धूल झोंकने की फिराक में है.
चाहकर भी नहीं कर पा रहा जरूरतमंदों की मदद
तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा है -“इतना असहाय,असमर्थ कभी अनुभव नहीं किया. एक इंसान होने के नाते चाहकर भी गुहार लगा रहे,मदद मांग रहे,तड़प रहे सभी ज़रूरतमंदों की मदद नहीं कर पा रहा हूं.”
उन्होंने लिखा है कि अस्पतालों में फोन लगवाने पर जवाब आता है कि कुछ नहीं कर सकते सर! बेड, इंजेक्शन,ऑक्सीजन कुछ नहीं है. कैसे मदद करें. तेजस्वी ने कहा कि अधिकारियों का फोन बजता रह जाता है. कोई फोन उठाता नहीं है. अधिकारी या तो मुख्यमंत्री की भी सुन नहीं रहे हैं या सीएम को सिस्टम दुरुस्त करने में कोई रुचि ही नहीं.
एक तरफ लापरवाह सिस्टम है दूसरी तरफ कालाबाजारी
राजद नेता ने कहा कि ऐसी कोई डेडीकेटेड हेल्पलाइन नहीं है,जहां से लोग बेड,ऑक्सीजन या दवाओं की उपलब्धता की रियल टाइम जानकारी ले सकें. नागरिकों के लिए एक तरफ लापरवाह व भ्रष्ट सरकारी व्यवस्था का अंधा कुआं है,तो दूसरी ओर कालाबाज़ारी,मुनाफाखोरी और आंकड़ों की हेरा-फेरी. धृतराष्ट्र की तरह भ्रष्ट सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है. लोगों को मरता हुआ छोड़ कर सरकार बस हेडलाइन मैनेजमेंट और मौतों के आंकड़ों को कम करने में लगी है.
हमारे लोग सीमित साधनों के सहारे मदद में जुटे हैं
तेजस्वी ने कहा कि हमारी पार्टी और कार्यकर्ता लोगों की मदद में जुटे हैं,लेकिन एक सीमा के बाद ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है. अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं. हम अपने सीमित संसाधनों के साथ लोगों की मदद करने के लिए आगे बढ़ते हैं,तो सरकार और उसकी भ्रष्ट सरकारी व्यवस्था दीवार बनकर हमारा रास्ता रोक देती है.