Patna: राष्ट्रीय जनता दल में पीढ़ी परिवर्तन का दूसरा दौर शुरू होने वाला है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने पांच साल पहले तेजस्वी यादव को विधायक दल का नेता बनाया था. अब 25 साल पुरानी पार्टी की पूरी कमान सौंपने की तैयारी है. राजद की कमान सौंपने के लिए रोडमैप पर काम शुरू हो गया है. पहले चरण में तेजस्वी को राजद का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है. उसके बाद पार्टी की संपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है. हालांकि कोविड की तीसरी लहर की आशंका अभी अड़चन बन रही है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के इस्तीफे को इसी मकसद से टाल दिया गया है. लालू चाहते हैं कि पूरी प्रक्रिया में तेजस्वी को जगदानंद का साथ मिले.
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पार्टी में हर तीन साल में होता है चुनाव
राजद में हर तीन साल पर राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता है. अगला संगठनात्मक चुनाव नवंबर 2022 में प्रस्तावित है. इसमें अभी डेढ़ वर्ष का वक्त है. लालू के पारिवारिक सूत्रों का दावा है कि तेजस्वी को इसके पहले ही वैकल्पिक तौर पर संगठन की बागडोर सौंपने की तैयारी है. इसकी वजह लालू प्रसाद की तबीयत बताई जा रही है. जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद लालू अभी दिल्ली में मीसा भारती के सरकारी आवास पर हैं. उनकी देखरेख की जिम्मेदारी खुद राबड़ी देवी और मीसा भारती ने संभाल रखी है. तेजस्वी का भी अधिकतर समय दिल्ली में पिता की तीमारदारी में ही गुजर रहा है. इससे उन्हें संगठन के लिए समय निकालना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि कोरोना का डर खत्म होते ही लालू प्रसाद को पटना लाया जाएगा, ताकि तेजस्वी पार्टी और पिता दोनों को पर्याप्त समय दे सकें.
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लालू प्रसाद के करीबियों में जगदानंद सिंह
जगदानंद सिंह की गिनती लालू के प्रमुख वफादारों में होती है. उन्होंने अपने व्यवहार और कार्य से लालू के परिवार को काफी हद तक प्रभावित किया है. उन्होंने अपनी राजनीतिक सूझबूझ से पार्टी पर गहरी पकड़ और तेजस्वी से अच्छा तालमेल रखा है. लालू प्रसाद की अनुपस्थिति में विधानसभा चुनाव में जगदानंद सिंह ने इसे साबित भी किया है. इसलिए लालू प्रसाद चाहते हैं कि राजनीतिक विरासत के संपूर्ण स्थानांतरण तक जगदानंद अपने पद पर बने रहें. यही कारण है कि तेजप्रताप यादव के बयानों से आहत जगदानंद से लालू ने भावनात्मक अपील करके तेजस्वी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने तक साथ देने के लिए राजी कर लिया है.
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