Hyderabad : मीडिया कोरोनावायरस को लेकर गलत जानकारी फैला रहा है, जिससे लोगों में डर फैला हुआ है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव का यह आरोप सुर्खियों में है. बता दें कि केसीआर(चंद्रशेखर राव) इस साल अप्रैल में कोरोना संक्रमित पाये गये थे. केसीआर की मानें तो वे सिर्फ दो दवाओं की मदद से हफ्तेभर के अंदर ही कोरोना से ठीक हो गये.
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लोग ऐसी बातें सुनकर ही मर जा रहे हैं
खबरों के अनुसार वारंगल में आयोजित एक कार्यक्रम में भाषण के दौरान केसीआर ने कहा, पता नहीं कौन ब्लैक फंगस, यलो फंगस के बारे में गलत जानकारी फैला रहा है. पता नहीं कोई टीवी चैनल है या पेपर. पता नहीं फंगस जिंदा है या मरा हुआ, लेकिन लोग तो ऐसी बातें सुनकर ही मर जा रहे हैं.
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मैं आपको बता रहा हूं, इन्हें श्राप लगेगा
ये टीवी के लोग, मैं आपको बता रहा हूं, इन्हें श्राप लगेगा. इसी क्रम में केसीआर ने मीडिया पर आरोप मढ़ते हुए कहा कि मीडिया अपनी गलत जानकारी के फैलाव को रोकने की जिम्मेदारी के विरुद्ध काम कर रहा है कोरोना संक्रमित होने के अनुभव को साझा करते हुए केसीआर ने कहा कि उन्हें डॉक्टर से सिर्फ दो दवाएं मिलीं और वे हफ्ते भर में ही ठीक हो गये. कहा कि मीडिया लोगों को डरा रहा है. इस तरह गैरजरूरी सनसनी फैलाने की क्या जरूरत है?
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मीडिया जमीनी हकीकत को गलत तरह से पेश कर रहा है
मुख्यमंत्री राव ने राज्य में कोरोना की स्थिति और हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर भी मीडिया पर हल्ला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया असल में जमीनी हकीकत को गलत तरह से पेश कर रहा है, उन्होंने कहा कि क्या सामान्य स्थितियों में भी सरकारी अस्पताल में खाली बिस्तर मिलते हैं?
डॉक्टर कभी मरीजों को इलाज से मना नहीं करते, क्योंकि वे जानते हैं कि सिर्फ गरीब ही सरकारी अस्पताल में जाते हैं. इसलिए अगर बेड्स नहीं होते, तो भी वे जमीन पर उनका इलाज करते हैं. लेकिन ये मीडिया के लोग क्या करते हैं? ये फोटो खींचते हैं और कहते हैं कि मरीजों को सरकारी अस्पताल के फर्श पर सोने को विवश होना पड़ा.
तेलंगाना में कोरोना के 6.15 लाख केस
बता दें कि तेलंगाना में कोरोनावायरस महामारी के 6.15 लाख केस मिल चुके हैं. वर्तमान में राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या 16 हजार के पार है. अब तक कुल 3586 लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है. राज्य सरकार ने अब तक कोरोना के 1.8 करोड़ टेस्ट ही करवाये हैं, जबकि इससे छोटे कई राज्यों में काफी पहले ह दो करोड़ टेस्ट्स का आंकड़ा पार कर चुके हैं.