Ranchi: रिम्स प्रबंधन ने दवाई दोस्त को 20 अगस्त तक हटा लेने का निर्देश दिया था. आदेश के बाद दवाई दोस्त ने अपनी रिम्स परिसर की दुकान को 19 अगस्त को ही खाली कर दी. आदेश के बाद रिम्स प्रबंधन ने यह भी कहा था कि दवाई दोस्त के हटने तक मरीजों को महंगी दवा नहीं खरीदनी पड़े, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर ली जाएगी. रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने भी कहा था कि दुकान के हटने से पहले रिम्स परिसर में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र का संचालन शुरु कर दिया जाएगा ताकि मरीजों को सस्ती और जेनरिक दवा मिलती रहे.
महंगी दवा खरीदने को मजबूर हुए गरीब मरीज
दवाई दोस्त की दुकान तो बंद हो गयी पर मरीजों को महंगी दवा खरीदने के लिए विवश होना पड़ा. रिम्स परिसर में अब तक प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के लिए टेंडर फाइनल नहीं हुआ है. रिम्स के पीआरओ डॉ डीके सिन्हा ने कहा कि 22 अगस्त को टेंडर फाइनल होगा. वहीं प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की दुकान सही से कब से संचालित होगी. इसका समय बता पाने में रिम्स के निदेशक ने अनिश्चितता जतायी, उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी होगी हम शुरु कराने का प्रयास करेंगे.
जन औषधि केंद्र में उपलब्ध नहीं है दवा
रिम्स में दवाई दोस्त के बंद हो जाने से जेनरिक और सस्ती दवाएं मरीजों को मिलनी बंद हो गयी है. गुरुवार को दवाई दोस्त की दुकान बंद हो जोने के बाद मरीजों के परिजन परेशान नजर आये. परिजन दवाई दोस्त के बाद जन औषधि केंद्र के सेंटर पर पहुंच रहे थे, लेकिन केंद्र में दवाइयां उपलब्ध ही नहीं थी. बता दें के जन औषधि का केंद्र तो है पर टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाने से संचालित नही हो पा रहा है.
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इस केंद्र में पहुंचने के बाद जब मरीजों को दवा नहीं मिल रही तो वे मायूस होकर ब्रांडेड दवा की दुकानों में दवाइयां लेने गये. जहां उन्हें महंगी दवाएं मजबूरी में लेनी पड़ी. मरीजों के परिजनों ने बताया कि जिस दवा को इस जेनरिक दवा के केंद्र में 21 रुपये में खरीद रहे थे. उसे अब 122 रुपये में खरीदना पड़ रहा है.
निदेशक ने कहा था दवा की तत्काल सप्लाई के लिए हुआ है ऑर्डर, पर अबतक नहीं पहुंची दवा
रिम्स निदेशक ने दवाई दोस्त के मामले को लेकर एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया था. उस दौरान उन्होंने कहा था कि दवाई दोस्त की दुकान हटाने से पहले वैकल्पिक व्यवस्था तैयार कर ली जाएगी. जब तक प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के रिम्स केंद्र का संचालन के लिए टेंडर फाइनल नहीं हो जाता, तब तक सदर में संचालित जन औषधि केंद्र को दवाई की सप्लाई का ऑर्डर दिया गया है, पर ये बात को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका. गुरुवार से मरीजों को महंगी दवा खरीदनी पड़ रही है.
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