Ranchi: टेरर फंडिंग मामले के आरोपी अजय सिंह की जमानत याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने रिज्वाइंडर यानी प्रतिउत्तर दाखिल करने के लिए समय की मांग की. प्रार्थी के आवेदन को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने प्रतिउत्तर दाखिल करने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया है. आधुनिक पावर लिमिटेड कंपनी के अधिकारी अजय सिंह उर्फ अजय कुमार की जमानत अर्जी पर झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एच सी मिश्र और जस्टिस राजेश कुमार की खंडपीठ में हुई.
इसे भी पढ़ें – धनबाद : अवैध कोयला तस्करों पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, दर्जनों बाइक समेत भारी मात्रा में कोयला जब्त
10 जनवरी 2020 को हुई थी अजय की गिरफ्तारी
बता दें कि टेरर फंडिंग में संलिप्तता के आरोप में एनआइए की एक टीम ने 10 जनवरी 2020 को अजय सिंह और सुदेश केडिया को हिरासत में लिया था. टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही एनआइए की टीम को दोनों ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ टेरर फंडिंग में शामिल होने के पुख्ता सबूत मिले थे. इसके बाद उन्हें एनआइए की टीम ने रांची से गिरफ्तार किया. कोयला ट्रांसपोर्टरों पर उग्रवादी संगठनों को आर्थिक मदद करने के आरोप में 11 अक्टूबर 2018 को रांची, हजारीबाग, जमशेदपुर तथा दुर्गापुर सहित 15 स्थानों पर छापेमारी की गयी थी.
इसे भी पढ़ें –टूलकिट केस : पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ऑफिस लाया गया
एनआइए को छापे में कई अहम सुबूत मिले हैं
पहले से दर्ज कांड संख्या आरसी-6/2018/एनआईए/डीएलआई से संबंधित था. एनआइए ने आम्रपाली तथा मगध कोलफील्ड से कोयले की खरीदारी तथा ट्रांसपोर्टिंग से जुड़ी विभिन्न कंपनियों के प्रबंधकों के आवासों तथा कार्यालयों में भी छापेमारी की थी. इसमें आम्रपाली तथा मगध एरिया कमेटी को दी गयी राशि से संबंधित दस्तावेज, बैंक अकाउंट तथा फिक्स्ड डिपोजिट से संबंधित विवरण, लेवी राशि की कटौती, कम्प्यूटर, हार्डडिस्क, मोबाइल फोन, कंपनियों के एकाउंट्स दर्ज डायरियां, तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) तथा पीपुल्स लिबरेशन फ्रँट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) को दी गयी राशियों का विवरण, भारतीय मुद्रा में 68 लाख रुपये, दस हजार सिंगापुरी डॉलर, 1300 अमेरिकी डॉलर तथा 86 हजार बंद हो चुके नोट जब्त किये गये थे.
इसे भी पढ़ें –सुप्रीम कोर्ट ने 2 सप्ताह के लिए टाली सुनवाई, फ्रैंकलिन टेंपलटन म्यूचुअल फंड का मामला
बिंदू गंझू ने किया था खुलासा
टीएसपीसी के लिए लेवी की वसूली करनेवाले मुख्य सरगना बिंदेश्वर गंझू उर्फ बिंदू गंझू को एनआइए ने रांची से गिरफ्तार किया था. सूत्रों के मुताबिक उसने ही लेवी देनेवाले ट्रांसपोर्टरों तथा कंपनियों के नाम का खुलासा किया था. एनआइए को उसने यह भी बताया था कि लेवी के पैसे का हिस्सा पुलिस के आला अफसरों से लेकर नेताओं तक पहुंचाया जाता है. उसकी गिरफ्तारी के बाद हजारीबाग से इनामी उग्रवादी कोहराम और चतरा से मुनेशजी की गिरफ्तारी हुई थी.
इसे भी पढ़ें –साहिबगंज : राजमहल पोस्ट ऑफिस से लगभग 9 लाख रूपया की चोरी, चोरों ने तोड़ा लॉकर
टेरर फंडिंग के मामले में इनके यहां हुई थी छापेमारी
• 10 अक्टूबर 2018 को टेरर फंडिंग के मामले में एनआइए ने कई लोगों के घर छापेमारी की थी जिनमें दुर्गापुर विधाननगर रोबिन मुकुंद सरणी स्थित आवास, कांकसा थाना अंतर्गत बामूनारा स्थित कारखाना आदि शामिल है.
• आधुनिक इस्पात कंपनी: मेनरोड, चर्च कांप्लेक्स (रांची). कांड्रा (जमशेदपुर) स्थित कार्यालय.
• सुदेश केडिया: ट्रांसपोर्टर, रातू रोड में कार्यालय (रांची).
• विनीत अग्रवाल: ट्रांसपोर्टर, लाइन टैंक रोड (रांची)
• विपिन मिश्रा: ट्रांसपोर्टर, दफ्तर, स्टेट स्क्वायर अपार्टमेंट, चेशायर होम रोड (रांची)
• रघुराम रेड्डी: बीजीआर कंपनी के जीएम, आवास पंडितजी रोड (हजारीबाग) रांची में दर्जनों कर्मियों से पूछताछ.
• एनआइए के रांची कार्यालय में संस्था अधिकारियों ने उन विभिन्न ट्रांसपोर्टरों के कर्मचारियों से पूछताछ की थी.
इसे भी पढ़ें –साहिबगंज : राजमहल पोस्ट ऑफिस से लगभग 9 लाख रूपया की चोरी, चोरों ने तोड़ा लॉकर