Ranchi : टेरर फंडिंग के केस में अब तक कई आरोपियों के खिलाफ चार्जफ्रेम (आरोप गठन) कर दिया गया है. जिसके बाद अभियुक्तों के खिलाफ ट्रायल भी शुरू हो गया है. इस केस में सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह एक अहम गवाह है. यह पहले टेरर फंडिंग के केस में आरोपी थे, लेकिन अप्रूवर बनने के बाद अब NIA के गवाह बन गए हैं. इनकी गवाही इस पूरे खेल का पर्दाफाश करने की कड़ी में अहम पड़ाव हो सकती है. NIA का गवाह बनने के बाद सुधांशु को धमकी दी जा रही है. उन्हें अज्ञात नंबर से धमकी मिली है कि वे टेरर फडिंग केस जिसका कांड संख्या आर सी 6/2018 है, उसमें कोर्ट में गवाही न दें. अगर उन्होंने गवाही दी तो उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को जान से मार देंगे. उन्हें व्हाट्सप पर कॉल और मैसेज कर यह भी धमकी दी गई है कि अगर उन्होंने इस केस से जुड़ी कोई भी सूचना पुलिस या एनआईए को दी, तो उन्हें इसका गंभीर परिणाम भुगतना पड़ेगा. फिलहाल टेरर के केस में 12-13 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे हैं और अब तक कुल 103 गवाहों का बयान कोर्ट के समक्ष दर्ज किया जा चुका है. जिसमें ग्रामीण और पुलिस पदाधिकारियों के अलावा अन्य गवाह शामिल हैं. NIA ने कोर्ट को गवाहों की जो सूची दी है, उसमें 180 से ज्यादा गवाहों के नाम शामिल हैं.
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पूरे खेल का पर्दाफाश NIA ने किया था
बता दें कि मगध-आम्रपाली कोल परियोजना में काम करने वाली ट्रांसपोर्टिंग कंपनी के संचालकों और TPC के बीच सांठगांठ से लेवी वसूले जाने के पूरे खेल का NIA ने पर्दाफाश किया था. चतरा जिला के टंडवा थाना में दर्ज केस को NIA ने टेकओवर करते हुए जांच की, तो इसमें कई खुलासे हुए. NIA की चार्जशीट के मुताबिक, ट्रांसपोर्टिंग कंपनियों के संचालक और TPC के उग्रवादियों ने हाथ मिला लिया था. इस केस में TPC उग्रवादी आक्रमण जी, विनोद गंझू, बीरबल गंझू, कोहराम जी, बिंदु गंझू, व्यवसाई अमित अग्रवाल उर्फ सोनू अग्रवाल, विनीत अग्रवाल, सुदेश केडिया, महेश अग्रवाल समेत अन्य लोग आरोपी हैं.
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