Ranchi: रांची में इस वर्ष मॉब लिंचिंग की दो घटनाएं हुईं. पहली घटना रांची के कोतवाली थाना क्षेत्र में हुई, जिसमें भीड़ की हिंसा के शिकार सचिन वर्मा को अपनी जान गंवानी पड़ी. दूसरी घटना अनगड़ा थाना क्षेत्र में हुई, जिसमें मुबारक खान को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. दोनों ही घटनाओं के हुए लगभग तीन महीने से ज्यादा समय बीत गए हैं, लेकिन इन घटनाओं में शामिल होने के कई आरोपी अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. पीड़ित परिवार न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं और पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई में लगी हुई है. दोनों ही केस के पीड़ित परिजनों को अबतक किसी भी तरह का मुआवजा नहीं मिला है और न ही सरकारी मदद.
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बाइक चोरी के आरोप में भीड़ ने मार डाला
अनगड़ा थाना क्षेत्र में भीड़ की हिंसा का शिकार हुए मुबारक खान पर मोटरसाइकिल चोरी का आरोप था. उसकी मृत्यु के लगभग तीन महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद रांची जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने सभी प्रक्रियाओं को पूर्ण करने के बाद उसके परिजनों को मुआवजा राशि देने के लिए बुलाया, लेकिन पीड़ित परिवार को अगली तारीख मिल गयी और वो वापस चले गए.
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कई नामजद आरोपी हैं, पर पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं
वहीं दूसरे मामले में सचिन वर्मा की भीड़तंत्र द्वारा निर्मम हत्या के बाद अब पीड़ित परिवार द्वारा कानूनी लड़ाई लड़ी जा रही है. दोनों ही मामलों में कई आरोपी नामजद होने के बावजूद पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. मुबारक खान के परिवारवालों को अब डालसा से मुआवजे की उम्मीद है और जल्द ही उन्हें मुआवजे की राशि दे भी दी जाएगी, लेकिन पीड़ित परिवारों को यह बात काफी कचोटती है कि जिन लोगों ने उनके परिवार के सदस्य की जान ली. उन्हें जेल की सलाखों के पीछे करने में पुलिस उतनी मुस्तैदी नहीं दिखा रही, जितना गंभीर अपराध किया गया है.