Ranchi: नक्सली का नाम सुनते ही लोगों का मन भयभीत हो जाता है. रांची के खलारी थाने को बम से उड़ाने की जिस उग्रवादी ने साजिश रची थी, उसका शव पोस्टमार्टम हाउस में घंटो डीएनए जांच के लिए खुले में पड़ा रहा. तस्वीर काफी भयावह है इसलिए धुंधला कर रहे हैं. लेकिन सवाल सबसे अहम है कि क्या अब इंसानियत खत्म हो गई है. यह शव जहां पड़ा है यह राज्य के सबसे बड़े अस्पताल का पोस्टमार्टम हाउस है. लेकिन मौत के बाद शव की क्या दुर्दशा हुई ये खुले आंख से देख पाना संभव नहीं है.
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मंगलवार की सुबह चान्हो के लुकैया जंगल से बरामद हुआ था शव
मंगलवार की सुबह पीएलएफआई के उग्रवादी रविंद्र गंजू उर्फ मलिंगा का शव चान्हो के लुकैया जंगल में बरामद किया गया था. अंदेशा जताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले उसकी हत्या कर शव को उसी जंगल में फेंका गया होगा. जंगली जानवरों ने शव के कई हिस्सों को अपना निवाला भी बना लिया. जिस वजह से शव नरकंकाल में बदल गया है. परिजनों के दावे के बाद पुलिस उसका डीएनए टेस्ट कराने के लिए रांची के रिम्स लाया गया, जहां से ही एक और भयावह तस्वीर निकल कर सामने आई है.
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पीएलएफआई संगठन से जुड़ा हुआ था रविंद्र गंझू
जंगल से बरामद शव पर रविंद्र गंझू के परिजन दावा कर रहे हैं. उसके पहनावे और हुलिए के अनुरूप परिजन मैक्लुस्कीगंज थाना क्षेत्र के कृत धौड़ा बाजारटांड़ के रहने वाला रविंद्र गंझू बता रहे हैं. इसने 2016 में खलारी और मैक्लुस्कीगंज स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक पर विस्फोट किया था. पुलिस की दबिश के बाद उसे पकड़ा गया. हालांकि कुछ दिनों के बाद वह फिर से छूटकर संगठन को मजबूत कर रहा था.
डीएनए जांच के लिए चान्हो थाना प्रभारी के द्वारा रविंद्र गंझू का शव रिम्स पोस्टमार्टम हाउस लाया गया था. वहीं चान्हो के थाना प्रभारी दिलेश्वर कुमार ने कहा कि जंगल में शव बरामद होने के बाद डीएनए जांच के लिए रिम्स लाया गया है. परिजनों के द्वारा उसके पहनावे से पहचान करने पर यह पता चला है कि बरामद शव रविंद्र गंझू उर्फ “मलिंगा” का है.
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