Jamshedpur: पोटका में ओझा-गुणी ने एक बच्ची की जान आफत में डाल दी. 18 जून की रात बच्ची को सांप ने काट लिया था. 19 जून को बच्ची के परिजन उसे लेकर ओझा-गुनी के पास पहुंचे. उन लोगों ने दिन भर बच्ची का इलाज किया, लेकिन सुधरने के बजाए बच्ची की हालत बिगड़ गई. उसकी सांसें थम गई. जिसके बाद आनन-फानन में परिजन बच्ची को लेकर परसुडीह सदर अस्पताल पहुंचे. डॉक्टरों ने जांच की तो बच्ची की सांस चल रही थी. इसके बाद उसे तत्काल आईसीयू में भर्ती किया गया. इस दौरान बच्ची का ऑक्सीजन लेवल घटकर 37 हो गयी. बच्ची को वेंटिलेटर पर रखकर इलाज शुरू हुआ. लेकिन, अस्पताल में जरूरी दवाइयां मौजूद नहीं थी. तब डॉ आलोक रंजन खुद दवा दुकान गए और अपने पैसे से दवा खरीदकर लाए. पांच दिन तक बच्ची आइसीयू में रहने के बाद पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी है. उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.
इसे भी पढ़ें – प्रेगनेंसी के बाद हुआ हेयर फॉल तो Anushka Sharma ने अपनाया नया लुक, फोटो वायरल
24 घंटे इलाज में लगी थी 8 सदस्यीय टीम
सिविल सर्जन डॉ. एके लाल को जब मरीज की हालत के बारे में पता चला तो उन्होंने इलाज के लिए डॉक्टरों की 8 सदस्यीय टीम का गठन किया. 24 घंटे तक टीम ने बच्ची की निगरानी की. टीम में डॉ. एबीके बाखला, डॉ. विवेक केडिया, डॉ. राजेश, डॉ. आरके पांडा, डॉ. आलोक रंजन महतो, डॉ. फैसल खान, डॉ. प्रभाकर भगत और नर्स रानी कुमारी शामिल हैं. बच्ची के ठीक होने के बाद परिजनों ने डॉक्टरों को धन्यवाद दिया और कहा कि कभी ओझा-गुणी के पास नहीं जायेंगे.
इसे भी पढ़ें –बीजेपी का मिशन इलेक्शन- नड्डा ने बुलाई बैठक, शाह भी मौजूद, 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी कर सकती बड़ा एलान
ICU का मिला लाभ
सिविल सर्जन डॉ. एके लाल ने बताया कि सदर अस्पताल में हाल ही में आइसीयू खुला है, जिसका लाभ बच्ची को मिला और उसकी जान बच सकी. सदर अस्पताल में यह अब तक का सबसे गंभीर केस है, जिसकी जान बची है. पहले ऐसे मरीजों को एमजीएम या टीएमएच रेफर कर दिया जाता था.
इसे भी पढ़ें – उमर अब्दुल्ला ने आर्टिकल 370 की बहाली की मांग को मूर्खतापूर्ण करार दिया, महबूबा ने कहा, विशेष दर्जा बहाल हो, तभी वह लड़ेंगी चुनाव