Ranchi : झारखंड में टीके की डोज खत्म हो चुकी है. टीका उपलब्ध नहीं होने के कारण बुधवार से राज्य में कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है. इसे लेकर राज्य की सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने केंद्र पर बड़ा हमला बोला है. पार्टी प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि बीते 21 जून को एक दिन में 86 लाख से ज्यादा वैक्सीन लगने को उपलब्धि बताया गया था. इससे उम्मीद जतायी जा रही थी कि साल के अंत तक देश के 118 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग जाएगी. लेकिन दुर्भाग्य है कि एक हफ्ते के अंदर ही पूरा देश वैक्सीनहीन हो गया है. जेएमएम नेता ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा झारखंड को हमेशा ठगा जा रहा है. कभी वैक्सीन को लेकर तो कभी पैसे को लेकर.
इसे भी पढ़ें – रांची के लालपुर में पुलिस का मुखबिर बता बाइक से आए बदमाशों ने युवक पर चाकू से किया ताबड़तोड़ हमला
राज्य को हर दिन 3 लाख डोज की जरूरत है
उन्होंने कहा कि वैक्सीन देने को लेकर केंद्र झारखंड के साथ हमेशा से पक्षपात कर रही है. पिछले माह वर्तमान में राज्य को हर दिन 3 लाख वैक्सीन डोज की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जून को 11 लाख कम वैक्सीन डोज झारखंड को दिया गया. राज्य को 90 लाख वैक्सीन डोज की आवश्यकता थी, लेकिन दी गयी केवल 89,000 डोज. मई में राज्य को 12000 कम वैक्सीन मिली थी. वहीं इस बार उम्मीद है कि इस बार यानी जुलाई माह में भी राज्य को 15000 वैक्सीन कम मिलेंगी.
इसे भी पढ़ें – बिहार के सृजन घोटाला मामले में देवघर समेत कई ठिकानों से ईडी ने करोड़ों की संपत्ति किया अटैच
केंद्र की नीति एकदम फेल हो गयी है
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि देश के मध्यम वर्गीय परिवार के 97 प्रतिशत लोगों में से केंद्र सरकार मात्र 75 प्रतिशत वैक्सीन उपलब्ध करा रही है. वहीं देश के बड़े लोग जो मात्र 3 प्रतिशत है, उनके लिए प्राइवेट हॉस्पिटल में 25 प्रतिशत आरक्षित किये गये हैं. इसी तरह केंद्र ने टूर और ट्रैवल्स सेक्टर को 44 लाख करोड़ तक की राशि कर्ज देने का फैसला किया है. यानी कोरोना से आर्थिक रूप से खत्म हो चुके लोगों को और कर्जदार बनाया जा रहा है. बीजेपी नेता इसे मोदी सरकार की उपलब्धि बता रहे हैं.
सुप्रियो ने कहा कि वैश्विक महामारी से लड़ाई के लिए केंद्र ने जो नीति बनायी है, वह पूरी तरह से फेल मैनजमेंट नीति पर आधारित है. इसके कारण लोगों के समक्ष आज जीविका का संकट आ गया है. इस महामारी के खिलाफ अगर कोई रोक है, तो उसके चार ही पिलर है. एक सामाजिक दूरी, मास्क, हाथों को साफ-सफाई रखना और वैक्सीनेशन, लेकिन केंद्र सरकार वैक्सीन कोटा को खत्म कर इस लड़ाई को खत्म करना चाह रही है.