LagatarDesk : पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश की इकोनॉमी में बैंकिंग और इंश्योरेंस सेक्टर के लिए अभी बहुत अधिक संभावनाएं मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि बैंकिंग और इंश्योरेंस सेक्टर को ध्यान में रखकर बजट बनाया गया है. बजट में सरकार ने पब्लिक सेक्टर के दो बैंकों के निजीकरण और इंश्योरेंस के क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को 74 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला किया है. फाइनेंशियल सर्विसेज विभाग की ओर से आयोजित एक वेबिनार में पीएम मोदी ने यह बातें कही.
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बजट में फाइनेंशियल सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए बनाया रोडमैप
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी भली-भांति परिचित हैं कि इस साल के बजट में फाइनेंशियल सेक्टर से जुड़े अनेक बड़े कदम उठाये गये हैं. बैंकिंग सेक्टर हो या नॉन-बैंकिंग हो या फिर इंश्योरेंस हो. फाइनेंशियल सेक्टर से जुड़े हर पहलू को मजबूत करने के लिए एक रोडमैप इस बजट में हमने प्रस्तुत किया है.
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विश्वास और पारदर्शिता पर निर्भर है फाइनेंशियल सेक्टर
उन्होंने कहा कि देश के फाइनेंशियल सेक्टर को लेकर सरकार का विजन बिल्कुल साफ है. हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि देश के डिपोजिटर और इंवेस्टर विश्वास और पारदर्शिता अनुभव करें. पीएम मोदी ने कहा कि बैंकिंग और नॉन-बैंकिंग सेक्टर के पुराने तौर-तरीकों और पुरानी व्यवस्थाओं को बदला जा रहा है.
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130 करोड़ लोगों के पास है आधार कार्ड
भारत में 10-12 साल पहले अग्रेसिव लेंडिंग के नाम पर बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर को नुकसान पहुंचाया गया. लोन की अपारदर्शी संस्कृति से देश को बाहर निकालने के लिए एक के बाद एक कदम उठाये गये हैं. उन्होंने कहा कि आज देश में 130 करोड़ लोगों के पास आधार कार्ड, 41 करोड़ से ज्यादा देशवासियों के पास जनधन खाते हैं. इनमें से करीब 55 फीसदी जनधन खाते महिलाओं के हैं. इनमें करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये जमा हैं.
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15 लाख करोड़ ऋण छोटे उद्यमियों तक पहुंचाया
मुद्रा योजना से ही बीते सालों में करीब 15 लाख करोड़ रुपये का ऋण छोटे उद्यमियों तक पहुंचा है. इसमें भी लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं हैं. 50 प्रतिशत से ज्यादा दलित, वंचित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के उद्यमी हैं.
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