Lagatar desk : भारत का पड़ोसी देश म्यांमार में तख्तापलट हो गया है. म्यांमार की सेना ने वास्ताविक नेता आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन म्यिंट को हिरासत में ले लिया. और पूरे देश में एक साल के लिए इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है.
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म्यांनमार के राजनीतिक संकट पर भारत की पैनी नजर
म्यांमार टेलीविजन के अनुसार म्यांमार की सेना ने एक साल के लिए देश की सत्ता को अपने हाथों में ले लिया है. म्यांनमार के राजनीतिक संकट पर भारत की पैनी नजर है. हालांकि, भारत ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन वह घटना पर नजर बनायी हुई है.
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चुनाव के बाद सरकार से बढ़ते तनाव की वजह से उठाया कदम- सेना
खबरों के मुताबिक सेना ने यह कदम चुनाव के बाद सरकार से बढ़ते तनाव की वजह से उठाया है. सेना ने आंग सान सू को हिरासत में लेकर उन्हें हाउस आरेस्ट कर लिया है. इसके साथ ही म्यांमार की राजधानी में टीवी, इंटरनेट और फोन सर्विस को बंद कर दिया गया है.
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सत्तारुढ़ पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में
नेशनल लीड फॉर डेमोक्रेसी के प्रवक्ता मायो न्यांट ने मीडिया को बताया है कि सोमवार की सुबह एक छापेमारी अभियान चला कर सेना ने सत्तारुढ़ पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया है. यहां गौर करने वाली बात यह है नवंबर 2020 में म्यांमार में चुनाव हुए थे. चुनाव में बड़े स्तर पर धांधली के आरोप लगे थे. जिसके बाद इस बात के कयास लगाये जा रहे थे कि सेना तख्ता पलट कर सकती है.
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सेना ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है
म्यांमार में बीते साल नवंबर माह में हुए चुनाव में सत्तारुढ़ नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी को 476 में से 396 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. जिसके बाद स्टेट काउंसलर आंग सान सू ने अगले पांच सालों के लिये सरकार बनायी थी. लेकिन सेना के समर्थन वाली पार्टी यूनियन सॉलिटेरेटी एंड डेवलपमेंट पार्टी ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था. सेना की तरफ से भी अधिकारियों ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से अनुरोध किया था कि वह चुनाव परिणामों की समीक्षा करे. हालांकि तब सेना के प्रवक्ता ने अधिकारियों के बयानों से खुद को किनारे कर लिया था.
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