Ranchi : अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर चांडिल डैम के 84 मौजा के विस्थापितों का धैर्ट टूटता जा रहा है. अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के तत्वावधान में वे लोग आमरण अनशन करने फिर राजभवन पहुंचे हैं. सोमवार को सभी चांडिल से नामकुम रेलवे स्टेशन पहुंचे. वहां से राजभवन तक अधिकार पदयात्रा निकाली. विस्थापितों द्वारा जाकिर हुसैन पार्क के पास अनिश्चितकालीन आमरण अनशन करने का निर्णय लिया गया है. बता दें कि 17 अक्टूबर को इन्होंने राजभवन को ज्ञापन सौंपा था. इससे पहले गत 3 अक्टूबर को चांडिल से पदयात्रा करते हुए ये लोग राजभवन पहुंचे थे. एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन के दौरान राजभवन द्वारा कहा गया था कि चार दिन के उपरांत राज्यपाल विस्थापितों की समस्या सुनेंगे. परंतु 28 दिन बीत जाने के बाद भी कोई सूचना नहीं मिलने पर ये विस्थापित फिर राजभवन पहुंचे हैं.
122 दिनों तक चांडिल में धरना दे चुके हैं
मंच के अध्यक्ष राकेश रंजन महतो ने कहा कि चांडिल डैम के 84 मौजा के 116 गांवों के विस्थापित 16 जून 2023 से चांडिल डैम स्थित पुराना अधीक्षक कार्यालय परिसर में 122 दिनों से अधिक दिनों तक अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे थे. परंतु अभी तक विस्थापितों की मांगों को लेकर विभाग एवं सरकार द्वारा कोई सकारात्मक पहल नहीं की गयी है. वहीं नवोदय जनतांत्रिक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन महतो ने कहा कि झारखंड के लिए सबसे अहम मुद्दा विस्थापन नीति है. यहां के लोग विस्थापित हो जाते हैं, लेकिन उन्हें उनका मुआवजा नहीं मिलता है. पार्टी चाहती है कि झारखंड में स्पष्ट विस्थापन नीति और स्थानीय नीति बने. साथ ही विस्थापन आयोग का गठन हो.