NewDelhi : हरियाणा के बहादुरगढ़ में कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार से नाराज एक किसान द्वारा फांसी लगा लिये जाने की खबर है. किसान की पहचान जींद के सिंघवाल गांव के कर्मवीर के तौर पर की गयी है. 52 वर्षीय कर्मवीर की लाश टिकरी बॉर्डर पर बाईपास बस स्टैंड के पास एक पेड़ से लटकती हुई मिली.
कर्मवीर ने प्लास्टिक की रस्सी का फंदा बनाकर खुद को फांसी पर लटका लिया था. किसानों को जब इस हत्या की जानकारी हुई तो उन्होंने तुरंत पुलिस को बुलाया और पुलिस की मौजूदगी में लाश पेड़ से उतारी गयी.
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कर्मवीर की तीन बेटियां हैं
जानकारी के अनुसार कर्मवीर के पास से एक सुसाइड नोट मिला है. सुसाइड नोट पर लिखा है कि सरकार तारीख पर तारीख दे रही है. पता नहीं कब ये काले कानून रद्द होंगे. जब तक काले कानून रद्द नही होंगे, तब तक यहां से नहीं जायेंगे. उधर, पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल भिजवा दिया है.
बताया गया है कि परिजनों के आने के बाद उनके बयान दर्ज किये जायेंगे. मौके पर मौजूद किसानों ने बताया कि कर्मवीर की तीन बेटियां हैं, जिसमें से एक की शादी हो चुकी है
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दो और किसानों की मौत की खबर
टीकरी बॉर्डर पर ही दो और किसानों की मौत होने की जानकारी आयी है. इनमें एक किसान पंजाब के संगरूर और दूसरा मोगा जिले का रहने वाला था. हालांकि अभी मौत की वजह की पुष्टि नहीं हुई है. अनुमान लगाया जा रहा है कि हार्ट अटैक से दोनों की जान गयी है. मृतकों में एक की आयु 60 और दूसरे की 70 साल थी.
किसान की मौत बस की चपेट में आने से हुई
पंजाब के रहने वाले एक किसान की मौत नया गांव चौक के नजदीक बस की चपेट में आने से हुई है, वहीं जींद जिले के रहने वाले एक किसान की हृदयाघात से मौत होने की आशंका जताई गयी है. पुलिस ने दोनों के शव परिजनों को सौंप दिये हैं. पंजाब के मानसा जिले के गांव बाघड़ा के रहने वाले किसान बबली सिंह टीकरी बार्डर पर चल रहे आंदोलन में शामिल थे.
शुक्रवार की दोपहर बाद बबली अपने साथी किसान मेजर सिंह के साथ लंगर का सामान लेने जा रहे थे. जब वे नयागांव चौक के पास सड़क पार कर रहे थे तो इसी दौरान बादली की तरफ से आ रही बस की चपेट में आ गये. घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गये थे. उन्हें बहादुरगढ़ के नागरिक अस्पताल लाया गया था, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया.