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New Delhi : सरकार और किसानों के प्रतिनिधिमंडल के बीच चौथे दौर की बातचीत आज होगी. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को आश्वस्त किया है कि नये कृषि सुधार अधिनियम उनके हित में हैं. केन्द्र सरकार ने देश के कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की आय को बढ़ाने के लिए बहुत से कदम उठाये हैं.
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सरकार ने तीन नये कृषि कानून लागू किये हैं
सरकार ने इस दिशा में तीन नये कृषि कानून लागू किये हैं, जिनमें किसानों की उपज के व्यापार , संरक्षण और सुविधा अधिनियम 2020, कृषक सशक्तिकरण और संरक्षण मूल्य संरक्षण समझौता तथा कृषि सेवा अधिनियम 2020 शामिल हैं.
सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार
तोमर ने किसानों से कहा है कि अगर किसानों को इन कानूनों से कोई आपत्ति है, तो सरकार उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए उनसे बातचीत करने को तैयार है. उन्हें प्रदर्शन का रास्ता नहीं अपनाना चाहिए, क्योंकि इससे आम नागरिकों को कठिनाई होती है.
सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं और कृषि का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. कुछ विषयों पर चर्चा हुई है. लेकिन जब तक क्लॉज वाइज क्लॉज एक्ट पर चर्चा न हो और वो एक्ट ऐसे किसानों के विरूद्ध है उनका कौन-सा क्लॉज विरूद्ध है वो तभी तो दिशा आगे बढ़ेगी. सभी किसान बंधुओं से आग्रह करना चाहता हूं कि ये रिफॉर्म किसानों के हित में है और लम्बे समय के इंतजार के बाद ये रिफॉर्म आये हैं किसानों को कहीं भी आपत्ति है तो सरकार उनको सुनने के लिए, उस पर विमर्श करने के लिए, उसका निराकरण करने के लिए पूरी तरह तैयार है. इसलिए आंदोलन का रास्ता किसी को इख्तियार नहीं करना चाहिए.
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किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई कदम उठाये- प्रकाश जावडेकर
केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने Lagatar.in से कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने देश में कृषि क्षेत्र में परिवर्तन लाने और किसानों की आय दोगुना करने के लिए कई कदम उठाये हैं.
यह एक भ्रम है कि इन कृषि सुधार अधिनियम के लागू होने से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पादों की खरीद बंद हो जायेगी जबकि वास्तविक्ता यह है कि एमएसपी पर खरीद जारी रहेगी और किसान अपनी उपज को एमएसपी दर पर बेच सकते हैं. सरकार ने पिछले पांच वर्षों में धान, गेंहू, दलहन, तिलहन और कोपरा के लिए एमएसपी में पर्याप्त वृद्धि की है. धान की फसल में सरकार ने पिछले पांच वर्षों में एमएसपी में दो दशमलव चार गुणा की वृद्धि की है. धान पर किसानों को दिया गया वास्तविक भुगतान वर्ष 2009 से 2014 के दो लाख छह हजार करोड़ की तुलना में चार लाख 95 हजार करोड़ रूपये रहा. वहीं गेंहू के एमएसपी भुगतान में पिछले पांच वर्ष में एक दशमलव सात-सात गुना की वृद्धि हुई. इस दौरान गेंहू पर किया गया एमएसपी भुगतान 2009-2014 के एक लाख 68 हजार करोड़ रूपये के मुकाबले लगभग 3 लाख करोड़ रूपये रहा.
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बिचौलियों पर सरकार ने गहरा आघात पहुंचाया- जावडेकर
जावडेकर ने कहा कि किसान उपज, व्यापार और वाणिज्य संवर्धन और सुविधा अधिनियम 2020 का मुख्य उद्देश्य उन बिचौलियों को समाप्त करना है, जिन्होंने किसानों के अधिकांश उत्पादक आय को कम किया है. इस ऐतिहासिक कानून की वजह से कृषि मंडियों में फलने-फूलने वाले ऐसे बिचौलियों पर सरकार ने गहरा आघात पहुंचाया है।
कृषि और किसान की आय से सीधे-सीधे संबंध रखने वाले संसद द्वारा पारित तीन पथ-प्रदर्शक कानूनों की वजह से देश में किसान पहली बार अपनी उपज को बेहतर कीमत पर बेचने की स्वतंत्रता पा चुका है. किसान अब अपने कृषि उत्पाद के संबंध में खेती के पहले भी करार करने के लिए मुक्त है.
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किसान अब ऑनलाइन व्यापार कर सकेंगे
वहीं दूसरी ओर फसल कटने के बाद अब वह अनाज सीधे-सीधे फैक्ट्री, गोदाम या कुल स्टोरेज में भी बेच सकता है. समयानुकूल जरूरतों के अनुरुप इन कानूनों के प्रावधान के अंतर्गत किसान अब अपनी उपज ऑनलाइन व्यापार के माध्यम से भी देश के किसी कोने में बेच सकता है.
इन सबके अलावा नये विधान कृषि उत्पाद संबंधित न्यूनतम समर्थन मूल्य की मौजूदा व्यवस्था और कृषि मंडियों की मौजूदा प्रणाली को किसी भी तरह से संशोधित किये बगैर किसानों को नई व्यवस्था चुनने का विशेषाधिकार देते हैं.
एपीएम सी कानून तथा कृषि विपणन समितियां राज्य सरकारों द्वारा ही नियंत्रित की जाती रहेंगी. नए कृषि कानून किसानों को अपनी ऊपज बेचने के स्वतंत्र और सुगम विकल्प प्रदान करते हैं और इन सारी साझताओं के अतिरिक्त यह किसानों के हितों को सुरक्षित करने के लिए और किसी भी विवाद के सुलभ और त्वरित निपटारे में लिए उपसंभागी स्तर पर व्यवस्था सुनिश्चित करते हैं
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किसानों को मिले उचित मूल्य
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में एनडीए सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले. प्रति वर्ष कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर्याप्त रूप से बढाया जा रहा है.
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