Girish Malviya
इलेक्ट्रिक व्हीकल ही भविष्य है. यह बात तय मानिए. ओला इलेक्ट्रिक 15 अगस्त से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी सेक्टर में एंट्री करने वाली है. कहा जा रहा है कि ओला भारत में दुनिया की सबसे बड़ी स्कूटर फैक्ट्री बना रहा है. कंस्ट्रक्शन का पूरा काम तमिलनाडु के Bargur के कृष्णागिरी डिस्ट्रिक्ट में चल रहा है. इसके प्रमोशन प्लान के जरिए रंग बिरंगे स्कूटर लोगों की उत्सुकता बढ़ा रहे हैं, लेकिन ओला अकेला नहीं है.
इसके अलावा गोगोरो जो ताइवान की कंपनी है. उसके साथ हीरो होंडा ने कोलेब्रेशन कर लिया है. गोगोरो को दुपहिया वाहनों की टेस्ला कहा जाता है. बजाज चेतक इलेक्ट्रिक, एथर 450X और टीवीएस आईक्यूब भी मार्केट में धूम मचाने वाले हैं. होंडा भी जल्द अपनी इलेक्ट्रिक स्कूटर पेश करने वाला है.
पेट्रोल और ई-स्कूटर की तुलना की जाए तो पेट्रोल से चलने वाला कोई भी स्कूटर 2 रुपए प्रति किमी तक पड़ता है. वहीं, ई-व्हीकल 10 पैसे प्रति किमी पड़ता है. सबसे बड़ी बात इसमें किसी तरह का मेंटेनेंस नहीं है. यहां हम लिथियम बैट्री से चलने वाले स्कूटर की बात कर रहे हैं.
देश की राजधानी नई दिल्ली में पिछले हफ्ते 11वां इलेक्ट्रिक व्हीकल एक्सपो का आयोजन हुआ और इस बार यह खूब सुर्खियो में रहा. एक्सपो में कुल 80 कंपनियां शामिल हुईं. इनमें चीन और जापान की भी 4 कंपनियां थी.
वर्ष 2018 में चीन में 13 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई, जबकि भारत में सिर्फ 3600 वाहन ही बिके थे. इसलिए इस मार्केट में संभावनाएं अपार हैं.
केंद्र सरकार योजना बना रही है कि ओला और उबर जैसी टैक्सी सेवा प्रदाता कंपनियां अपने काफिले में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाएं. इसके तहत ऐसी कंपनियों को अप्रैल 2026 तक 40% इलेक्ट्रिक गाड़ियां रखने के निर्देश दिए जा सकते हैं.
सरकार ने बीते महीने ई-स्कूटर पर सब्सिडी को बढ़ाकर डेढ़ गुना कर दिया है. यानी पहले जहां प्रति किलोवॉट बैटरी पर 10,000 रुपए की छूट मिल रही थी, उसे बढ़ाकर 15,000 रुपए कर दिया गया है. लेकिन ध्यान देने की बात यह है कि सरकार द्वारा जो सब्सिडी मिल रही है, वो सिर्फ लिथियम बैटरी पर ही दी जा रही है.
लिथियम आयन बैटरी को मॉडर्न जमाने की बैटरी भी कहा जाता है. क्योंकि ये कम जगह घेरती हैं, वजन में हल्की होती हैं. साथ ही साथ इनकी रेंज भी काफी ज्यादा होती है. इन बैटरीज को चार्ज करने में 3 से 4 घंटे का समय लगता है. इन बैटरीज की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इन्हें ज्यादा सर्विसिंग की जरूरत नहीं पड़ती है. हालांकि इन बैटरीज की लागत ज्यादा होती है. जिसकी वजह से इनसे लैस वाहन महंगे होते हैं. हालांकि इन बैटरीज की लाइफ 4 से 5 साल तक होती है. जिसकी वजह से ग्राहकों को फायदा होता है. लिथियम आयन बैटरी को आप अपने स्कूटर से बाहर निकालकर इन्हें चार्ज कर सकते हैं और फिर खुद ही इसे इनस्टॉल भी कर सकते हैं.
ज्यादातर लोग आजकल लिथियम आयन बैटरी वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर ही खरीदना पसंद कर रहे हैं.
यह सब चेंज अभी टू व्हीलर मार्केट में ही हो रहा है. फोर व्हीलर के लिए अभी थोड़ा रुकना ही बेहतर होगा. इस साल के अंत तक दोपहिया वाहनों में काफी ऑप्शन मौजूद होंगे. लेकिन यह मान के चलिए कि एक अच्छे इलेक्ट्रिक स्कूटर की कीमत सवा लाख के ऊपर ही जाएगी.