Ranchi: झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) का चुनाव चिह्न बचाने के लिए विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा है. जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने आयोग को प्रार्थियों के दावे पर नोटिस जारी करते हुए छह सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल कर यह बताने को कहा है कि किस नियमावली के तहत सिंबल रद्द किया गया है.
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दोनों विधायकों की ओर से रखा गया पक्ष
सुनवाई के दौरान दोनों विधायकों की ओर से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने अदालत को बताया कि चुनाव आयोग को किसी पार्टी का सिंबल डिलीट करने का अधिकार नहीं है. नियमानुसार किसी भी पार्टी के विलय के लिए दो तिहाई सदस्य की सहमति अनिवार्य है. दो तिहाई सदस्य उनके पास हैं. भाजपा में पार्टी के विलय के लिए उन लोगों के सहमति नहीं ली गई है. ऐसे में पार्टी का विलय नहीं हुआ और चुनाव आयोग की ओर से विलय को मंजूरी देना गलत है. इसलिए चुनाव आयोग की ओर से जेवीएम पार्टी के सिंबल को समाप्त करने के आदेश को निरस्त किया जाना चाहिए. सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में पक्ष रखने का निर्देश दिया है.
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