Patna: बिहार में कृषि बिल के विरोध में विपक्षी महागठबंधन की ओर से मानव श्रृंखला बनाने के आह्वान का जबरदस्त असर दिखाई दे रहा है. राज्य के सभी प्रमुख जिलों में विपक्ष के नेता और कार्यकर्ता सड़क पर उतरे. कई प्रमुख मार्गों पर मानव श्रृंखला बनायी गयी. पटना में बुद्ध स्मृति पार्क के पास खुद तेजस्वी यादव भी इसमें शामिल हुए. राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता, विरोध प्रदर्शन का आयोजन करते रहेंगे.
बिहार में मानव श्रृंखला को लेकर विपक्ष की तैयारी
कृषि कानूनों को लेकर लगातार...आंदोलन कर रहे किसानों के साथ अपनी एकजुटता दिखाने के लिए महागठबंधन ने मानव श्रृंखला बनाने का आह्वान किया था. कांग्रेस, आरजेडी-सीपीएम के नेता इसे सफल बनाने के लिए एकजुट हुए. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि महागठबंधन के नेता कम से कम मानव श्रृंखला का महत्व तो समझने लगे हैं. वैसे लोकतंत्र में सभी को अपना कार्यक्रम आयोजित करने का हक है.
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नालंदा-मुजफ्फरपुर-पटना में बनायी गयी मानव श्रृंखला
नालंदा के बिहारशरीफ स्थित अस्पताल चौक और एनएच 20 पर मानव श्रृंखला बनायी गयी. पटना के पालीगंज और दुल्हिनबाजार में भी मानव श्रृंखला के जरिए किसानों के समर्थन में आवाज बुलंद की गयी. मुजफ्फरपुर में भी पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं ने मानव श्रृंखला बनायी.
तेजस्वी ने साधा नीतीश कुमार पर निशाना
इससे पहले शुक्रवार तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए कहा था कि हम मुख्यमंत्री के रवैये से चकित हैं. क्या क्या वे बीजेपी के रुख को सही मानते हैं. यह विश्वास करना मुश्किल है कि नीतीश कुमार समाजवादी आंदोलन से निकले हुए हैं.
नीतीश की चुप्पी पर आरजेडी नेता ने उठाये सवाल
पूर्व उप मुख्यमंत्री ने दुख जताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंदोलनकारी किसानों की सहानुभूति में एक ट्वीट तक नहीं किया. कई किसानों ने प्रदर्शन के दौरान जान गंवा दी. बिहार में करीब डेढ़ दशक से पहले एपीएमसी को खत्म करने के लिए एनडीए सरकार की आलोचना करने वाले तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि इसने किसानों को मजदूर बना दिया है. नये केंद्रीय कानून किसानों को भिखारी बना देंगे. बता दें कि नीतीश कुमार सरकार ने 2006 में कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) अधिनियम को समाप्त कर दिया था और मंडी प्रणाली को भी खत्म कर दिया था.
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