Lagatar Team
Ranchi: हेहल में करीब 120 एकड़ जमीन जबरन कब्जा कर उसपर बाउंड्री वॉल खड़ी कर बेचने की तैयारी की जा रही है. प्रशासन दो भाग में बंट गया है. एक तरफ जिला प्रशासन के मुखिया डीसी हैं, जो कमिश्नर के आदेश तक को नहीं मान रहे हैं. इससे पहले जब मामला डीसी कोर्ट में आया, तो रांची डीसी ने एक पक्ष के हक में फैसला सुनाया.
दूसरे पक्ष ने कमिश्नर के कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कमिश्नर ने 19 नवंबर को डीसी के फैसले को दरकिनार करते हुए फिर से दोनों पक्षों की बात सुनकर फैसला देने को कहा. तीन महीने बीतने को हैं, रांची डीसी की तरफ से मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गयी है. कमिश्नर के आदेश को ताक पर रखते हुए जबरन जमीन कब्जा करने की कवायद जारी है और रांची जिला प्रशासन इस अवैध काम में अपनी मौन सहमति दिये हुए है. इसी सहमति का नतीजा है कि धारा 144 लगने के बावजूद रांची रजिस्ट्रार जमीन रजिस्ट्री कर देते हैं. और हेहल अंचलाधिकारी (सीओ) जमीन की जमाबंदी कर देते हैं.
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सत्ता शीर्ष का एक प्रभावशाली शख्स के इशारे पर हो रहा खेल
रांची के हेहल अंचल में खाता नंबर 119 की जमीन काफी दिनों से विवादित रही है. फिलहाल भी विवादों में ही है. विवाद में रहने की वजह उसकी प्राइम लोकेशन और करीब 120 एकड़ का रकबा है. बड़ी ही चालाकी से पूरी जमीन हथियाने की योजना पर काम चल रहा है. इस जमीन पर सत्ता शीर्ष से जुड़े एक बेहद प्रभावशाली व्यक्ति की दिलचस्पी है. उसी के इशारे पर जमीन पर धारा 144 लगवाई गयी. धारा 144 लगने के बाद उस शख्स ने पुलिस के आला अधिकारी को जमीन पर बाउंड्री वॉल खड़ा करने का काम सौंपा.
उस सीनियर अधिकारी ने जमीन पर खुद तीन-चार घंटे खड़े होकर जमीन पर कब्जा करवाया. दूसरी तरफ पंडरा थाना की तरफ से बार-बार एसडीएम को धारा 144 लगाने का आवेदन दिया जाता रहा. लेकिन उसी सत्ता शीर्ष से जुड़े शख्स की वजह से एसडीएम की तरफ से धारा 144 लगाने की अनुमति दोबारा नहीं दी गयी. सत्ता शीर्ष से जुड़े इस शख्स के साथ रांची के जाने-माने डॉक्टर और अस्पताल संचालक की सांठगांठ है. पैसा डॉक्टर की तरफ से आ रहा है और पावर ऊपर से आ रहा है.
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पूरे प्रकरण पर रांची डीसी की चुप्पी का राज क्या है
रांची में जमीन लूट की गाथा किसी से छिपी नहीं है. हाल ही में जुमार नदी को भरकर बेचने का पर्दाफाश लगातार… ने किया और कार्रवाई भी हुई. कांके के सीओ को सस्पेंड कर दिया गया. लेकिन हेहल के मामले में रांची प्रशासन की तरफ से किसी तरह का कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.
सवाल यह उठ रहा है कि आखिर क्यों कमिश्नर के आदेश के बाद भी रांची डीसी मामले में फैसला नहीं सुना रहे हैं. क्यों धारा 144 के बावजूद रजिस्ट्री हो जा रही है और क्यों कमिश्नर की रिपोर्ट को दरकिनार कर हेहल सीओ जमीन की जमाबंदी करा देते हैं. इन सबके पीछे उसी सत्ता शीर्ष पर बैठे व्यक्ति का हाथ होने की पुष्टि हो रही है.
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