Washington : 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भारत के लोगों की स्वतंत्रता के मानक में गिरावट दर्ज की गयी है. भारत में मानवाधिकार संगठनों पर दबाव काफी बढ़ गया है. राजद्रोह कानून का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. वॉशिंगटन के थिंकटैंक फ्रीडम हाउस की ताजा रिपोर्ट यही कह रही है.
बता दें कि हाल ही में जारी रिपोर्ट डेमोक्रेसी अंडर सीज में कहा गया है कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भारत के लोगों की स्वतंत्रता में गिरावट दर्ज की गयी है. वैसे रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हालत में बदलाव वैश्विक बदलाव का ही एक हिस्सा है. भारत सरकार की ओर से रिपोर्ट को लेकर अब तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आयी है.
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भारत में मानवाधिकार संगठनों पर दबाव काफी बढ़ गया
फ्रीडम हाउस का मानना है कि 2014 के बाद से भारत में मानवाधिकार संगठनों पर दबाव काफी बढ़ गया है.राजद्रोह कानून और मुसलमानों पर हमलों का उल्लेख करते हुए लिखा गया है कि देश में नागरिक स्वतंत्रता के हालत में गिरावट देखी गयी है.
रिपोर्ट के अनुसार नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद हाल के दिनों में भारत ने लोकतांत्रित लीडर के तौर पर काम करना छोड़ दिया है. रिपोर्ट के अनुसार 2019 के बाद से भारत की रैंकिग में काफी गिरावट आयी है.
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भारत का स्कोर 71 से घटकर 67 पर पहुंचा
विश्व के 100 सबसे आजाद देशों की सूची में भारत की रैंकिग 71 से घटकर 67 हो गयी है. जबकि 211 देशों की लिस्ट में भारत 83 से 88 वें नंबर पर पहुंच गया है. रिपोर्ट में इसके लिए हिंदू राष्ट्रवादी भाजपा की सरकार को जिम्मेदार करार दिया गया है.
लॉकडाउन पर सवाल उठाये गये
डेमोक्रेसी अंडर सीज रिपोर्ट में लॉकडाउन के बाद लाखों मजदूरों के घर लौटने का भी जिक्र है. कहा गया है कि सरकार ने बिना किसी पूर्व तैयारी के लॉकडाउन लगाया, जिसके कारण लंबी पैदल यात्रा के कारण कई लोगों की जान चली गयी.
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दुनिया के 20 प्रतिशत लोग ही मुक्त देश में रहते हैं
भारत को मुक्त देश से अब आंशिक रूप से मुक्त देश की श्रेणी में रखा गया है .भारत अब इक्वाडोर और डोमिनिकन रिपब्लिक के बराबर है.फिनलैंड, नार्वे और स्वीडन को सबसे अधिक मुक्त देश बताया गया है.
फ्रीडम रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के 20 प्रतिशत लोग ही अब मुक्त देश में रहते हैं. यह आंकड़ा 1995 के बाद से सबसे कम है. तिब्बत और सीरिया को सबसे नीचे रखा गया है.भारत की रैंकिग 2016 से 2018 तक 77 रह गयी थी.