NewDelhi : पश्चिम बंगाल में इस साल एक जनवरी से सात जनवरी के बीच राजनीतिक हिंसा के 23 मामले दर्ज किये गये और 2 लोगों की जान गयी. पिछले साल यानी 2020 की बात करें तो पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा के 663 मामले सामने आये और इस दौरान 57 लोगों की मौत हुई थी.
बता दें कि पश्चिम बंगाल में होने वाले विधान सभा चुनाव से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चुनाव आयोग को एक रिपोर्ट सौंपी है. उसमें उपरोक्त जानकारी दी गयी है. गृह मंत्रालय ने चुनाव आयोग को पश्चिम बंगाल में होने वाली राजनीतिक हिंसाओं की जानकारी देते हुए इससे जुड़े आंकड़े शेयर किये हैं
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग को दी गयी रिपोर्ट में बताया गया है कि पश्चिम बंगाल में साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान हिंसा के 693 मामले सामने आये थे. इस दौरान हिंसा में 11 लोगों की मौत हुई थी. 2019 में ही 1 जून से लेकर 31 दिसंबर तक राजनीतिक हिंसा के 852 मामले दर्ज किए गये और 61 लोगों की मौत हुई थी.
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2018 में अलग-अलग पार्टियों के 23 लोग मारे गये
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, साल 2018 में पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों के दौरान राजनीतिक हिंसा में 23 लोगों की मौत हुई थी. मारे गये 23 लोग अलग अलग पार्टी के राजनीतिक कार्यकर्ता थे. बता दं कि पश्चिम बंगाल हमेशा से राजनीतिक हिंसा और हत्याओं के मामले में देश में टॉप पर रहा है.
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पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में वोटिंग
पश्चिम बंगाल की 294 विधान सभा सीटों के लिए 8 चरणों में वोटिंग होगी. राज्य में 27 मार्च, एक अप्रैल, 6 अप्रैल, 10 अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को मतदान होंगे, जबकि चुनाव परिणाम 2 मई को आएंगे. पहले और दूसरे चरण में 30-30 सीटों, तीसरे चरण में 31 सीटों, चौथे चरण में 44 सीटों, पांचवें चरण में 45 सीटों, छठे चरण में 43 सीटों, सातवें चरण में 36 सीटों और आठवें चरण में 35 सीटों पर वोट पड़ेंगे