GandhiNagar : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका स्थित एक मंदिर की दिवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे जाने और उसमें तोड़फोड़ की घटना पर शनिवार को चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत के बाहर चरमपंथियों और अलगाववादी ताकतों को जगह नहीं मिलनी चाहिए. विदेश मंत्री यहां राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह से इतर संवाददाताओं से बात कर रहे थे. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
#WATCH अमेरिका में खालिस्तानी अलगाववादियों द्वारा एक मंदिर पर हमला करने की घटना पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, “भारत के बाहर अलगाववादी ताकतों को जगह नहीं मिलनी चाहिए। हमारे दूतावास ने वहां की सरकार और पुलिस को शिकायत की है, जांच जारी है…” pic.twitter.com/L0PrWcVxyv
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 23, 2023
भारत के बाहर चरमपंथियों और अलगाववादी ताकतों को जगह नहीं मिलनी चाहिए
जयशंकर ने घटना के बारे में एक सवाल पर कहा, मैंने खबरें देखी हैं. जैसा कि आप जानते हैं, हम इस बारे में चिंतित हैं. भारत के बाहर चरमपंथियों और अलगाववादी ताकतों को जगह नहीं मिलनी चाहिए. जो कुछ भी हुआ, उसके बारे में हमारे वाणिज्य दूतावास ने (अमेरिकी) सरकार और वहां की पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई है और मुझे विश्वास है कि मामले की जांच की जा रही है. कैलिफोर्निया के नेवार्क में पुलिस विभाग ने कहा कि शुक्रवार सुबह लगभग 8.35 बजे उसे श्री स्वामीनारायण मंदिर (हिंदू मंदिर) में नारे लिखे जाने की सूचना मिली. सोशल मीडिया पर पोस्ट की गयी तस्वीरों के अनुसार खालिस्तान शब्द के साथ अन्य आपत्तिजनक नारे मंदिर के बाहर एक साइनपोस्ट पर स्प्रे-पेंट किये गये थे.
नेवार्क पुलिस ने कहा कि हिंसा, संपत्ति की क्षति, उत्पीड़न, नफरत या पूर्वाग्रह से प्रेरित अन्य अपराधों के किसी भी कृत्य या धमकी को बहुत गंभीर माना जाता है और इसे उच्च प्राथमिकता दी जाती है. सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने मंदिर को विरूपित करने की कड़ी निंदा की. चेक गणराज्य में निखिल गुप्ता की गिरफ्तारी के बारे में जयशंकर ने कहा कि भारतीय दूतावास को उन तक (उस देश की सरकार द्वारा) राजनयिक पहुंच प्रदान की गयी थी.
गुजरात सरकार देशों को आमंत्रित करने के मामले में उत्तर दे सकती है
निखिल गुप्ता पर भारतीय अधिकारी के साथ मिलकर अमेरिका स्थित खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप है. जयशंकर ने कहा, ‘‘जब भी किसी भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया जाता है, तो हम उनकी देखभाल के लिए राजनयिक पहुंच की मांग करते हैं जो हमें तीन बार मिल चुकी है. 10वें वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन के लिए भागीदार देशों की सूची से अमेरिका और कनाडा की अनुपस्थिति पर जयशंकर ने कहा कि वह इसका कोई राजनीतिक मायने नहीं निकालेंगे. मंत्री ने कहा, सरकार के स्तर पर, यह निर्भर करता है कि हम किसे आमंत्रित करते हैं…गुजरात सरकार (देशों को आमंत्रित करने पर) उत्तर दे सकती है.
मुंबई 26/11 मेरे लिए एक टर्निंग पॉइंट था
मैं कोई राजनीतिक मतलब नहीं निकालूंगा. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी समझ इसके विपरीत है. वास्तव में कई काउंटी हमसे वाइब्रेंट गुजरात में भाग लेने के लिए बात कर रहे हैं. हम उनसे गुजरात सरकार से बात करने के लिए कहते हैं. हम इसका समर्थन करना चाहेंगे क्योंकि हम अधिकतम प्रतिभागियों को देखना चाहते हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि मुंबई पर खौफनाक आतंकी हमले से पहले तो लोग आंतकवाद को लेकर उलझन में थे. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि आज इस देश में जो बदला है, खासकर मुंबई 26/11 मेरे लिए एक टर्निंग पॉइंट था. 26/11 के नंगे सच, उसके खौफनाक प्रभाव को देखने से पहले बहुत लोग भ्रम में थे.
आतंकवाद तो आजादी के साथ ही शुरू हो गया था
उन्होंने कहा कि कोई एक गाल पर थप्पड़ मारे तो दूसरा गाल भी बढ़ा दो की नीति अब नहीं चलने वाली. मुझे नहीं लगता कि यह देश का मिजाज है. नहीं लगता कि यह समझदारी है. अगर कोई सीमा पार आतंकवाद कर रहा है तो जवाब देना ही होगा, उससे निपटने के लिए पैसे खर्च करने ही होंगे. कहा कि गृह मंत्री नो मनी फॉर टेरर के लिए बहुत काम कर रहे हैं. आखिरकार, आतंक को पैसों से ही बढ़ावा मिलता है. साफ कहा कि भारत पिछले 10 वर्षों में बदल चुका है और अब यह ईंट का जवाब पत्थर से देने की नीति पर बढ़ चला है. यह मत समझिए कि आतंकवाद कल शुरू हुआ या सिर्फ कश्मीर या पंजाब की बात है. ये तो आजादी के साथ ही शुरू हुआ था, जब तथाकथित कबायली पाकिस्तान से आये थे.