NewDelhi : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान दास ने कहा कि भले हाल के दिनों में महंगाई कम हुई है, लेकिन इसके खिलाफ भारत की जंग अभी भी जारी है. अभी इस मोर्चे पर कोताही बरतने की कोई गुंजाइश नहीं है. कहा कि केंद्रीय बैंक को आगामी मौद्रिक समीक्षा बैठकों में नीतिगत दर में बढ़ोतरी नहीं करने का सुझाव दिया गया है. लेकिन यह निर्णय लेना उनके हाथ में नहीं है. यह जमीनी स्थिति पर निर्भर करता है. उस समय की परिस्थितियों के हिसाब से फैसला लिया जायेगा. नीतिगत दर को लेकर निर्णय लेते यह देखना है कि रुझान क्या है. क्या मुद्रास्फीति बढ़ रही है या नरम हुई है. (पढ़ें, झारखंड : 29 तक छाये रहेंगे आंशिक बादल, बारिश भी संभव)
रिटेल इन्फ्लेशन 4.7 फीसदी से नीचे आने की उम्मीद
दास ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति नरम हुई है. लेकिन अभी इस मोर्चे पर कोताही बरतने की कोई गुंजाइश नहीं है. उन्होंने कहा कि रिटेल महंगाई के अगले आंकड़े में महंगाई दर के घटकर 4.7 फीसदी से नीचे आने की उम्मीद है. भारतीय अर्थव्यवस्था के अच्छे प्रदर्शन और इसकी बैंकिंग प्रणाली के लचीलेपन के दम पर 2022-23 के लिए देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 7 फीसदी से अधिक हो सकती है. वित्त वर्ष 24 में भारत की जीडीपी 6.5 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात नहीं होगी अगर पिछले साल की जीडीपी वृद्धि 7 फीसदी से थोड़ी अधिक आती है.
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भारतीय बैंकिंग प्रणाली स्थिर और मजबूत
दास के लोगों को भरोसा दिलाया कि पूंजी, तरलता की मजबूती स्थिति और संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार के साथ भारतीय बैंकिंग प्रणाली स्थिर और मजबूत बनी हुई है. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक देश की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अर्थव्यवस्था को पूरा समर्थन देगा. उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक ने अपने अबतक के अनुभव के आधार पर केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा सीबीडीसी ढांचे को और बेहतर किया है.

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