Dhanbad: वैश्विक महामारी कोरोना काल में रोजगार छीन जाने के बाद सैकड़ों लोग अब नगर निगम द्वारा गिराए जा रहे कचड़े को ही अपनी जीविका का साधन बना लिया है. इन्हें यह भी डर नहीं लग रहा कि देश में कोरोना महामारी ने भयावह रूप अपना रखा है. लोगों की जान तक जा रही है. ऐसे में कचड़े से जीविका चलाना इनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
देखिए वीडियो-
इसे भी पढ़ें-इसी साल राजधानी की सड़कों पर दौड़ेंगी स्मार्ट सिटी की 200 स्मार्ट बसें
जिले में जहां सैकड़ों लोग सुबह से शाम तक कचड़े के अंबार से प्लास्टिक की सामग्री चुनते हैं. इसके बाद कचड़े के गोदाम में बेचकर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. लेकिन इस महामारी के वक्त भी ऐसी जगहों से जीविका चलाना साबित करता है कि, पेट की आग से बढ़कर कोई आग नहीं है.
इसे भी पढ़ें-इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला से पहले अभ्यास मैच नहीं मिलने का कारण नहीं पता : कोहली
लगातार न्यूज के संवादाता ने जब इनसे बाते की तो इन लोगों ने कहा कि, इस कोरोना काल में अब यही एक रोजगार का जरिया है. पेट की आग बुझाने के लिए किसी प्रकार का डर नहीं लगता है. सरकार तो गरीबों को चावल, गेहूं और नमक दे रही है, लेकिन बाकी की जरूरतें कैसे पूरी होंगी.
इसे भी पढ़ें-गढ़वा में घंटाघर का निर्माण रुकवाने को हाईकोर्ट में याचिका, अदालत ने मांगी वस्तुस्थिति की जानकारी