Ranchi: रांची स्टेशन में शनिवार की सुबह एक महिला की छटपटाहट और लाचारी देख वहां मौजूद सभी लोग पसीज गये. पर हाय रे स्टेशन की खराब चिकित्सा व्यवस्था, सभी बेबस नजर आये. लेकिन भुगतना पड़ा उस महिला को, जिसे मिल गया जीवनभर का दर्द. हुआ यूं कि शनिवार की सुबह एलप्पी-धनबाद एक्सप्रेस ट्रेन रांची स्टेशन पर रुकी थी. इसमें सफर कर रही एक गर्भवती महिला को अचानक लेबर पेन शुरू हो गया.
एक यात्री की सूचना पर आरपीएफ के सुरक्षाकर्मी ने स्टेशन मास्टर को तत्काल एक महिला यात्री की लेबर पेन होने के सूचना दी. महिला ट्रेन में काफी देर तक छटपटाती, कराहती रही. सभी बेबस नजर आ रहे थे. महिला के पति और लोगों ने डॉक्टर और एंबुलेंस भेजने का बार-बार आग्रह किया गया, लेकिन रेलवे की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई. महिला को न तो चिकित्सक उपलब्ध हुआ और न ही एंबुलेंस की सुविधा मिली.
आरपीएफ के पोस्ट इंस्पेक्टर के निर्देश पर मेरी सहेली की टीम ने गर्भवती महिला यात्री को एक स्ट्रेचर की सहायता से नीचे उतारा. स्टेशन की जमीन पर स्ट्रेचर पर लेटी महिला दर्द के मारे तड़प रही थी. महिला की स्थिति नाजुक होती जा रही थी. जब काफी देर होने पर भी एंबुलेंस और चिकित्सक नहीं आए तो उस महिला को मेरी सहेली टीम की एलसी मंजू कुजूर और शारदा चौधरी ने किराये ऑटो से ले जाकर उसे रिम्स में भर्ती कराया. साथ में इंस्पेक्टर सुनीता पन्ना और एसआई प्रियंका कुमारी भी मदद के लिए रिम्स तक गयीं. लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी, प्रसव में उस महिला ने एक मृत बच्चे को जन्म दिया. रिम्स के चिकित्सक ने महिला की स्थिति को खतरे से बाहर बताया.
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बिहार की नवादा की रहने वाली है महिला
उक्त महिला यात्री ने बताया कि वह बिहार के नवादा की रहनेवाली है. वह अपने पति और छोटे बच्चे के साथ चेन्नई से धनबाद के लिए कोच संख्या स्लीपर के 11 नंबर कोच में सीट नंबर 58 और 64 सीट पर सफर कर रहे थे. उसने यह भी बताया कि उसे सुबह से ही उसे प्रसव पीड़ा हो रही थी, लेकिन सफर के दौरान किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली. ट्रेन जब रांची स्टेशन आने वाली थी, उसकी हालत ज्यादा खराब होने लगी. तब उसे साथ उसके पति और तीन साल के बच्चे के साथ उसे रांची स्टेशन उतारा गया, पर समय पर मदद नहीं मिलने से मेरा बच्चे ने दम तोड़ दिया.
17 मिनट में पहुंची थी टीम – डीआरएम
वहीं, इस बारे में रांची रेलमंडल के डीआरएम नीरज अम्बष्ट ने दावा किया है कि महिला यात्री ने प्रसव पीड़ा की सूचना पूर्व में नहीं दी गयी थी. परंतु रांची स्टेशन पहुंचने पर उन्होंने आरपीएफ को बताया. सूचना मिलने के बाद 17 मिनट में रेलवे की चिकित्सकीय टीम रांची स्टेशन पहुंच गई थी. परंतु तब तक महिला स्टेशन से जा चुकी थी.