Ranchi : रांची, बोकारो, हजारीबाग, जमशेदपुर, धनबाद के कोचिंग संचालकों के प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार से कोचिंग संस्थानों को खोलने की मांग की है. लालपुर स्थित हरिओम टावर में कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पिछले वर्ष के देशव्यापी सम्पूर्ण लॉकडाउन के समय से ही राज्यभर के कोचिंग संस्थान बंद हैं. मार्च में सरकार ने कोचिंग खोलने की इजाजत दी, लेकिन दूसरी लहर के कारण सिर्फ एक महीने में दोबारा संस्थान बंद करना पड़ा. कोचिंग संस्थानों की आय का स्रोत सिर्फ फीस है, जो बंद है. इसलिए कोचिंग संचालकों, शिक्षकों और अन्य कर्मियों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है.
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गाइडलाइन का कर रहे थे इंतजार, पर हुए निराश
30 जून को राज्यभर के कोचिंग संस्थान से जुड़े लोग सरकार की गाइडलाइन का इंतजार कर रहे थे. 10 बजे रात के लगभग राज्य सरकार की ओर से एक जुलाई से शुरू होने वाले स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह का दिशा निर्देश जारी किया गया. इसमें बस सेवा, जिम, पार्क, मल्टीप्लेक्स खोलने की इजाजत दे दी गई, लेकिन सभी शैक्षणिक संस्थाओं को बंद रखने की बात की गई.
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कोचिंग संस्थानों की आय जीरो हो गयी है – सुनील जायसवाल
झारखंड कोचिंग संघ के अध्यक्ष सह श्योर सक्सेस, रांची के निदेशक सुनील जायसवाल कहते हैं कि स्कूल- कॉलेज और कोचिंग क्लासेज में फर्क होता है. स्कूल- कॉलेज में हज़ारों छात्र एक साथ पढ़ते हैं. जबकि कोचिंग में औसतन पचास से एक सौ छात्र पढ़ते हैं. इसलिए कोचिंग में भीड़ की संभावना नहीं होती. वहीं प्राइवेट स्कूल-कॉलेज छात्रों से फीस ले रहे हैं, जबकि कोचिंग संस्थानों की आय पिछले लॉकडाउन से जीरो है. इस कारण इनसे जुड़े लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. साथ ही वे कहते हैं कि कोचिंग में अमूमन अठारह वर्ष से अधिक के छात्र पढ़ने आते हैं, जिनका वैक्सीनेशन भी हो रहा है. इसलिए सरकार से अनुरोध है कि कोचिंग संस्थानों को खोलने की इजाजत दी जाए. कोचिंग संस्थान के निदेशक कोरोना के नियमों का पूरी तरह पालन करने को तैयार हैं.
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कोचिंग हर मामले में मॉल से अधिक सुरक्षित हैं- मध्येंदु
हज़ारीबाग स्थित होप इंस्टीट्यूट के निदेशक मध्येंदु सिंह कहते हैं कि सरकार ने मॉल खोलने की इजाजत दी है, जबकि मॉल में आने जाने वाले कोई डेटा नहीं होता है. जबकि कोचिंग में आने वाले छात्रों की सारी जानकारी संचालक के पास होती है. अतः कोचिंग ज्यादा सुरक्षित हैं. इसलिए सरकार से आग्रह है कि कोचिंग खोलने की अनुमति दी जाए.
ऑनलाइन शिक्षा के लिए आधारभूत संरचना का अभाव
कई कोचिंग संस्थानोंद्वारा ऑनलाइन शिक्षा देने का प्रयास किया गया, जो अभी तक असफल रहा. कोचिंग संस्थानों के ज्यादातर छात्र सुदूरवर्ती इलाको से संबंध रखते हैं, जो गरीब या मध्यम वर्ग से आते है. वे कोचिंग शिक्षकों के मार्गदर्शन में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. सुदूरवर्ती जगहों पर नेटवर्क की समस्या होती है. साथ ही छात्रों के पास नेटवर्क का भी अभाव होता है. ऐसी स्थिति में ऑनलाइन क्लास संभव नहीं है.
छात्रों की तैयारी भी हो रही है प्रभावित
एक जुलाई से जारी स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की परीक्षाओं के आयोजन की अनुमति दे दी है. इसके अतिरिक्त राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी राज्य में खाली भरे पदों में नियुक्तियों के संकेत दिए हैं. ऐसे में कोचिंग संस्थाओं के बंद रहने से छात्रों के तैयारियां भी प्रभावित हो रही है.