Pravin kumar
Ranchi : भू राजस्व विभाग के पास केवल राज्य के चार जिलों में ही धार्मिक और सांस्कृतिक जमीन होने की जानकारी है. यानी शेष 20 जिलों में जमीन है या नहीं, या कितनी और कहां-कहां जमीन है. इस बारे में कोई जानकारी विभाग के पास उपलब्ध नहीं है. यह खुलासा विभाग के ही पत्रचार से होता है. विभाग पिछले सात महीने से सांस्कृतिक और धार्मिक जमीनों की जानकारी जिलों से मांग रहा है. लेकिन यह अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाया है.
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बीते वर्ष जुलाई में ही मांगी गयी थी जानकारी
भू-राजस्व विभाग ने जिलों से आदिवासियों की धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक भूमि जैसे सरना जाहेर थाना, देशावली, देवीस्थान, मसना, हरगड़ी, डालीकातारी, भूतखेता, पहनइ, महतोइ, पइनभोरा, कोटवारी, नौकराना, जतरा स्थल, अखड़ा, धुमकुडियो एवं ऐसी अन्य भूमि जिसका धार्मिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक महत्व है. वैसी सभी जमीन की जानकारी देने के लिए कहा है.
![झारखंड के 4 जिलों में ही धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की जमीन है उपलब्ध!](https://i0.wp.com/lagatar.in/wp-content/uploads/2021/01/dirichapi.jpg?resize=600%2C400&ssl=1)
विभाग ने इस संबंध में सभी जिलों के उपायुक्तों को जुलाई 2020 में पत्र लिखकर 15 दिन के भीतर लेखा-जोखा देने के लिए कहा था. इसमें अंचल, खाता, मौजा, प्लॉट नंबर, रकबा समेत खरीद-बिक्री व बंदोबस्ती के बारे में भी जानकारी देनी थी. जब जिलों से जवाब नहीं आया तो सितंबर औऱ नवंबर में जिलों को फिर पत्र लिखकर जबाव देने के लिए रिमांडर दिया गया. विभागीय जानकारी के अनुसार, अब तक केवल गिरिडीह, लोहरदगा समेत चार जिलों ने ही जानकारी दी है.
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क्यों मांगी गयी है जानकारी
भू-राजस्व विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, सूबे में सीएनटी-एसपीटी एवं विलकिंग्सन रूल जैसे भूमि संरक्षण के मजबूत कानून होने के बावजूद आदिवासियों के भूमि की अवैध तरीके से धड़ल्ले से खरीद बिक्री की शिकायत आती रहती है. इसके अलावा धार्मिक व सांस्कृतिक महत्व की जमीन का भी नियम के तहत खरीद-बिक्री गलत है.
कानूनी प्रवधानों के अनुसार, उपरोक्त भूमि की खरीद-बिक्री अवैध है. जबकि खरीद-बक्री के साथ-साथ ऐसे जमीन के म्यूटेशन भी कराये जा रहे हैं.
![झारखंड के 4 जिलों में ही धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की जमीन है उपलब्ध!](https://i0.wp.com/lagatar.in/wp-content/uploads/2021/01/puja-dirichapi.jpg?resize=600%2C400&ssl=1)
आदिवासियों के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की भूमि पर अवैध कब्जा भी बदस्तूर जारी है. इस तरह के कई मामले रांची राजधानी क्षेत्र में भी सामने आ चुके हैं. इसे लेकर तनाव एवं टकराव की स्थितियां भी सामने आ चुकी हैं. इसे देखते हुए विभाग ने उपायुक्तों से भूमि के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहा है. जिससे धार्मिक व सांस्कृतिक महत्व की जमीन की अवैध खरीद-बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाया जा सके.
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