विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी समाज के प्रबुद्धजनों से किया संवाद
Ranchi : विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर बुधवार को राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने जनजातीय समुदाय की विभिन्न हस्तियों व प्रबुद्धजनों से संवाद किया. इस मौके कहा कि समाजहित में सक्रियता से कार्य करने के लिए सदैव प्रयासरत रहें. शिक्षित व ज्ञानवान समाज के निर्माण में अपनी अहम भागीदारी का निर्वहन करें. राज्यपाल ने कहा कि झारखंड वीरों की भूमि है. धरतीआबा भगवान बिरसा मुंडा समेत कई महान हस्तियों ने मातृभूमि और समाज के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया. प्रधानमंत्री ने उल्लेखनीय पहल करते हुए भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को पूरे देश में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया. राज्यपाल ने कहा जनजातियों की कला, संस्कृति, लोक परंपरा और रीति-रिवाजों में जीवंतता है. पारंपरिक गीत और नृत्य बहुत आकर्षक होते हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड एवं तमिलनाडु की संस्कृति व खानपान में काफी एकरूपता है. सिर्फ भाषायी अंतर है.
जनजातियों की भूमि हड़पने के मामले में चिंतन की जरूरत
राज्यपाल ने कहा कि जनजातियों की भूमि हड़पने के कई मामले आते हैं. इस पर गंभीरता से चिंतन करने की आवश्यकता है. कहा कि जनजाति समाज प्रकृति प्रेमी होते हैं. ग्लोबल वार्मिंग के इस युग में प्रकृति के संरक्षण हेतु इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि लोग बड़े शहरों में रहते हैं, उनके पास बड़ी इमारतें हैं, सुख-सुविधाओं से घिरे हुए हैं, लेकिन वे दुखी हैं.
झारखंड को लैंड ऑफ आर्चरी के रूप में जाना जाता है
उन्होंने कहा कि विभिन्न पंचायतों के भ्रमण के क्रम में देखा कि यहां आदिवासी समाज की महिलाएं परिश्रमी हैं. वे स्वयं सहायता समूह से जुड़ रही हैं, इससे जुड़ने के उपरांत उनके सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन देखा जा रहा है. यहां के जनजाति समुदाय के लोग कई क्षेत्रों, विशेषकर कला, साहित्य और खेल के विभिन्न रूपों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं. झारखंड को लैंड ऑफ आर्चरी के रूप में जाना जाता है. यहां के विभिन्न खिलाड़ियों व एथलीटों ने राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया है.
नारायण उरांव ने लोक गीत प्रस्तुत किया
झारखंड विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव ने कहा कि राज्यपाल द्वारा जनजातीय समुदाय के लोगों को आमंत्रित कर संवाद करना उल्लेखनीय प्रयास है. इस अवसर पर डॉ नारायण उरांव ने लोक गीत प्रस्तुत किया. सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी महादेव टोप्पो ने राज्यपाल को विभिन्न विषयों पर लिखित ‘सभ्यों के बीच आदिवासी’ एवं ‘आदिवासी विश्व चेतना’ पुस्तक भेंट की. इस मौके पर पर्यावरण कार्यकर्ता पद्मश्री जमुना टुडू , राज्यपाल के शैक्षणिक सलाहकार प्रो (डॉ) ई बाला गुरुसवामी, निदेशक एक्सआईएसएस डॉ जोसेफ एम कुजूर समेत कई लोग मौजूद थे.
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