Ranchi : राज्य सरकार ने एक जुलाई से मल्टीप्लेक्स सिनेमा हाॅल खोलने की अनुमति दे दी है. इसके बावजूद राज्य में सिनेमा हाॅल बंद हैं. सिनेमा हाॅल संचालकों से बात करने से जानकारी हुई कि सरकार ने छूट तो दी, लेकिन रियायत नहीं दी गयी. 14 महीने से राज्य में सिनेमा हाॅल बंद हैं. कोई ऐसी फिल्म ही नहीं है कि जिसे हाॅल में दिखाया जाए. पूरे भारत में सिनेमा हाॅल बंद हैं. सिर्फ झारखंड सरकार ने इसकी अनुमति दी है, जबकि महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, कोलकाता जैसे राज्यों में सिनेमा हाॅल खुलने से फिल्में परदे पर आएंगी. सिनेमा हाॅल संचालकों की स्थिति पहले से खराब है. कुछ संचालकों ने बताया कि मल्टीप्लेक्स सिनेमा हाॅल के साथ-साथ स्थानीय सिनेमा हाॅल संचालकों की स्थिति और भी खराब है.
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फिक्स्ड चार्जेज और जीएसटी लाखों में
अलग-अलग संचालकों ने बताया कि इस बार बिजली फिक्स्ड चार्जेस 10 से 12 लाख मिले हैं, जो पिछले कुछ महीनों के हैं. जबकि पहले से सरकार से फिक्स्ड चार्जेज में रियायत की मांग की जा रही है. बीच में शुरू हुए भी तो एक महीने के लिए ही. जब तक सिनेमा हाॅल रफ्तार पकड़ते, तब तक कोविड की दूसरी महामारी आ गयी.
सुजाता मल्टीप्लेक्स के संचालक दुष्यंत जायसवाल ने बताया कि सिनेमा हाॅलों की स्थिति खराब है. अलग-अलग सिनेमा हाॅल संचालकों से लगातार बात की जा रही है. कोई भी हाॅल खोलने के पक्ष में नहीं हैं. पिछले साल से लेकर इस साल तक लगभग 14 महीने ये कारोबार बंद रहा. हाॅल बंद होने से भी हर महीने दो लाख मेंटेनेंस लागत है.
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राज्य में 50 लोकल सिनेमा हाॅल हैं
राज्य में लगभग 50 लोकल सिनेमा हाॅल हैं. राजधानी में तीन सिनेमा हाॅल स्थानीय हैं, जिनमें सुजाता, आईलेक्स और प्लाजा शामिल हैं. वहीं मल्टीप्लेक्स चेन में पीवीआर, कार्निवाल, फन सिनेमा आदि हैं, जिनकी प्रमुख शाखाएं मुंबई, दिल्ली, कोलकाता आदि शहरों में हैं. दुष्यंत ने बताया कि पिछले साल चार महीने देर से राज्य सरकार सिनेमा हाॅल खोलने का आदेश दिया. इस साल एक मार्च से हाॅल खुले, जो पांच अप्रैल को बंद हो गये. जबकि मार्च के पहले से ही अन्य राज्यों में हाॅल खुल रहे थे और भारतीय सिनेमा में फिल्म में भी रिलीज हुए.
क्या हैं मांगें
इस संबंध में सिनेमा हाॅल संचालकों की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया था. इसमें फिक्स्ड चार्जेज, स्टेट जीएसटी, होल्डिंग टैक्स आदि में छूट की मांग की गयी. वहीं इस सेक्टर से जुड़े कर्मियों के लिए स्टाफ के लिए सरकार पीएफ, ईएसआई समेत अन्य देने की घोषणा करें.