Ranchi: रिवर व्यू प्रोजेक्ट के बहाने नदी के मूल स्वरूप को बदलकर नाले की शक्ल में लाने वाले जमीन माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई कब होगी. अब इस बात का इंतज़ार किया जा रहा है. कांके थाना क्षेत्र के नगड़ी मौजा के लगभग 20 एकड़ से ज्यादा क्षेत्रफल में भू माफियाओं और अफसरों की मिलीभगत से चल रहे जमीन घोटाले के गोरखधंधे में अब प्रशासन की नींद तो खुली है.
इसे भी पढ़ें – जुमार नदी को भर कर बेचने की तैयारी में जमीन माफिया, प्रशासन बेखबर
लेकिन जब तक प्रशासन अपनी कुम्भकर्णी नींद से उठा, तब तक भू माफियाओं और सरकारी बाबूओं की मक्कारी का शिकार जुमार नदी हो गयी. अब सवाल ये उठता है कि जुमार नदी के अस्तित्व को खतरे में डालने वाले लोगों पर क्या कार्रवाई होगी और कब तक ?
इसे भी पढ़ें – Lagatar Impact: रिवर व्यू प्रोजेक्ट के बहाने जुमार नदी पर अवैध कब्जा करने वाले कमलेश पर FIR दर्ज
2-2 FIR के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं
बता दें कि कांके के नगड़ी मौजा में जुमार नदी का समतलीकरण कर उसे बेचे जाने की तैयारी की जा रही है. और थाना नंबर 53 के विभिन्न खाते के 14 अलग-अलग प्लॉटों के कुल लगभग 9 एकड़ से ज्यादा भूमि को भी बेचने की कोशिश की जा रही है. उक्त खाता और प्लॉट में ज्यादातर भूमि बकास्त भुइंहरी ,गैरमजरुआ मालिक, बीएयू अर्जित और गैरमजरुआ भुइंहरी पहनई प्रकृति की जमीन है. इस मामले में कागजी खानापूर्ति करते हुए प्रोजेक्ट के संचालक कमलेश कुमार के खिलाफ दो-दो एफआइआर दर्ज करवाई गयी.
इसे भी पढ़ें – Lagatar Impact : रिवर व्यू के कमलेश पर एक और FIR, मामला दर्ज होने के बाद भी जारी था काम
लेकिन कार्रवाई के नाम पर अब तक कुछ भी नहीं हुआ. जो अपने आप में पूरे सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है. सवाल ये कि क्या एक भू माफिया के सामने पूरा तंत्र बौना है या फिर जुमार नदी के अस्तित्व को संकट में डालने में सबकी मिलीभगत है.
इसे भी पढ़ें – रिवर व्यू प्रोजेक्टः डीसी ने भू-राजस्व विभाग को लिखी चिट्ठी, कहा- कांके सीओ पर हो कार्रवाई