New Delhi : न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर वैधानिक गारंटी को लेकर दबाव डालने के मकसद से यहां सोमवार को रामलीला मैदान में किसान महापंचायत में हजारों किसान जुटे. किसानों ने सरकार से अनुरोध किया कि वह अपने उन लिखित वादों को पूरा करे, जो दिसंबर 2021 में किए गए थे. किसान हित और खेती को बचाने के लिए लंबित मांगों के समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन-2 की घोषणा की है. किसान नेताओं ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो 2024 के चुनाव में सभी पार्टियों को किसानों के रोष का असर दिखेगा. किसानों की कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ बैठक खत्म हो गई है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ बैठक खत्म होने के बाद किसानों ने कहा कि आंदोलन के बिना सरकार उनकी बात सुनने वाली है. बैठक के बाद किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि ये सरकार आंदोलन के बिना हमें एमएसपी नहीं देगी. साथ ही कहा कि अगर हमारी बात नहीं मानी गई तो आने वाले 20 दिनों में बड़ा आंदोलन करेंगे.
लिखित आश्वासन के बावजूद केंद्र मांग पूरी करने में विफल
किसानों की मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी, किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेना, विरोध के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा, पेंशन, कर्जमाफी और बिजली बिल माफ किया जाना शामिल है. जय किसान आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविक साहा ने कहा कि लिखित आश्वासन के बावजूद केंद्र सरकार किसानों की मांगों को पूरा करने में विफल रही है. उन्होंने कहा, किसानों के खिलाफ हजारों मामले लंबित हैं. आंदोलन के दौरान 750 से अधिक किसानों की जान चली गई और उनके परिवारों को मुआवजा नहीं मिला है. इसके अलावा, कई अन्य मांगें हैं जो पूरी नहीं हुई हैं.
किसान दयनीय स्थिति में जीवन-यापन कर रहे
बिहार के वैशाली जिले से दिल्ली पहुंचे किसान समूह के सदस्य मजिंदर शाह ने दावा किया कि देश भर के किसान दयनीय स्थिति में जीवन-यापन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, अमीर, और अधिक अमीर होते जा रहे हैं जबकि सभी को भोजन प्रदान करने वाले किसानों के पास खाने के लिए कुछ नहीं है. केवल पांच प्रतिशत भारतीयों के पास देश की ज्यादातर संपत्ति है. दूसरी ओर, किसानों को अपने बच्चों की शादी का खर्च उठाने के लिए अपनी जमीन बेचनी पड़ती है.
संकट कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाये सरकार
किसान यूनियन के साझा मंच संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को जारी एक बयान में कहा, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर वैधानिक गारंटी को लेकर दबाव बनाने के उद्देश्य से किसान महापंचायत आयोजित की जा रही है. बयान में कहा गया है कि विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से लाखों किसान कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दिल्ली आ रहे हैं. मोर्चा के नेता दर्शन पाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, केंद्र को नौ दिसंबर, 2021 को हमें दिए गए आश्वासन को निश्चित रूप से पूरा करना चाहिए और किसानों के सामने लगातार बढ़ते संकट को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए.
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