Ranchi : सरस्वती पूजा 16 फरवरी को है. अब केवल तीन दिन पूजा में बचा है. लेकिन कोरोना को लेकर सरकार ने अब तक कोई नई गाइडलाइन जारी नहीं की है. पूजा के आयोजक असमंजस में है. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि पूजा आयोजन के लिए क्या करना है.
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कई पाबंदियों को बीच ही मनाना होगा
आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जब तक नई गाइडलाइन जारी नहीं आती है, वो पुराने गाइडलाइन ही मान्य रहेगा. ऐसी स्थिति में सरस्वती पूजा भी कई पाबंदियों को बीच ही मनाना होगा.
बिहार समेत अन्य राज्यों ने जारी किया गाइडलाइन
बिहार समेत अन्य पड़ोसी राज्यों ने सरस्वती पूजा को लेकर नई गाइड लाइन जारी कर दिया है. बिहार में डीजे, भीड़ और नदी-तालाब में विसर्जन पर रोक लगाई गई है. झारखंड में अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है. प्रशासन पुरानी गाइडलाइन को फॉलो कर रहा है.
इसका नजारा शुक्रवार को धनबाद जिला में देखने के लिए मिला. धनबाद जिला प्रशासन ने बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो के पूजा-अर्चना कार्यक्रम के लिए गाइडलाइन जारी किया है. हालांकि यह रामराज मंदिर में नौ दिवसीय पूजा अर्चना के लिए है. सरस्वती पूजा के लिए नहीं है. पर जानकारों का कहना है कि इसका मतलब यह है कि सरस्वती पूजा आयोजन पर भी पाबंदियां लगाई जाएगी.
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प्रशासन को रखना है ध्यान
आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पूर्व में निकाली गई गाइडलाइन राज्य में अब तक लागू है. सरस्वती पूजा को लेकर कोई नई गाइडलाइन नहीं निकाली गई है. इसलिए स्थानीय प्रशासन को पूर्व के नियमों के तहत पूजा आयोजन हो, इस पर ध्यान देना होगा. जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि पूर्व की गाइडलाइन को लागू कराया जाये.
पुरानी गाइडलाइन में कई पाबंदियां
सरकार ने सामूहिक पूजा को लेकर दशहरा, दीपावली, छठ आदि के समय गाइडलाइन जारी की थी. इसमें कई तरह की पाबंदियां लगाई गई थीं. पुरानी गाइडलाइन के अनुसार मेला, जुलूस, प्रदर्शनी, खेल व सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि पर पाबंदी है. बंद परिसर या पंडाल में 200 से ज्यादा लोग इक्ट्ठा नहीं हो सकते. खुले में 300 से अधिक लोग नहीं हो सकते. सभी को मास्क पहनना अनिवार्य होगा. आयोजकों को पंडाल के बाहर सेनिटाइजर रखना होगा. लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो इसका ध्यान रखना होगा.
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