New Delhi : लोकसभा ने भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक 2023, साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता विधेयक 2023 को आज बुधवार को चर्चा के बाद मंजूरी दे दी. बता दें कि आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में इस तीन नये क्रिमिनल लॉ बिल पर चर्चा की. इस क्रम में उन्होंने बताया कि प्रस्तावित कानूनों के अनुसार मॉब लिंचिंग के अपराध के लिए मौत की सजा का प्रावधान होगा. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
केंद्र सरकार का कहना है कि नये विधेयकों का उद्देश्य देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पुनर्जीवित करना है, इसमें दंड के बजाय न्याय पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. बता दें कि तीनों बिल लोकसभा में पास हो गये है.
Lok Sabha passes momentous bills to replace IPC, CrPC, Evidence Act
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— ANI Digital (@ani_digital) December 20, 2023
#WATCH | Delhi: Home Minister Amit Shah in Lok Sabha says, “A provision for Trial in Absentia has been introduced…Many cases in the country shook us be it the Mumbai bomb blast or any other. Those people are hiding in other countries and trials are not underway. They don’t need… pic.twitter.com/BCT5bYL0jL
— ANI (@ANI) December 20, 2023
सरकार की आलोचना तो कोई भी कर सकता है
गृहमंत्री ने बताया कि हमारी सरकार राजद्रोह की जगह देशद्रोह लेकर आयी हैं. उन्होंने बताया कि आईपीसी की ओर से पूर्व में राजद्रोह कानून को सरकार के खिलाफ कार्य करने के रूप में परिभाषित किया था. लेकिन BNS के प्रावधान उन लोगों पर प्रभावी होंगे, जो देश की संप्रभुता, सुरक्षा को प्रभावित करेंगे. गृह मंत्री अमित शाह का कहना था कि सरकार की आलोचना तो कोई भी कर सकता है. सरकार की आलोचना करने पर किसी को जेल नहीं भेजा जायेगा. लेकिन कोई भी देश के खिलाफ बोल नहीं पायेगा.
यह अंग्रेजों का नहीं, कांग्रेस का नहीं, भाजपा और मोदी का शासन है
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि अब देश में अंग्रेजों का शासन नहीं है, कांग्रेस का भी शासन नहीं है, यह भाजपा और नरेंद्र मोदी का शासन है. चेताया कि देश में अब आतंकवाद को बचाने की कोई दलील काम नहीं आयेगी. याद दिलाया कि अंग्रेजों द्वारा लाये गये राजद्रोह कानून के तहत तिलक महाराज, महात्मा गांधी, सरदार पटेल सहित साकईस्वतंत्रता सेनानी सालों तक जेल में रहे. यह कानून आज तक चलता रहा. अमित शाह ने कहा कि पहली बार मोदी सरकार ने राजद्रोह कानून को पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया है,
भाजपा ने कहा था कि धारा 370 और 35-A हटा देंगे, हटा दिया
अमित शाह ने कांग्रेस पर हल्ला बोलते हुए कहा कि कुछ लोग कहते रहे थे कि हम इन विधेयकों ने नहीं समझते, मैं उन्हें कहता हूं कि मन अगर भारतीय रखोगे तो समझ में आ जाएगा. लेकिन अगर मन ही इटली का है, तो कभी समझ नहीं आयेगा. उन्होंने याद दिलाया कि भाजपा ने कहा था कि धारा 370 और 35-A हटा देंगे, हमने हटा दिया. वादा किया था आतंकवाद को समाप्त कर देंगे, जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायेंगे. सुरक्षा कर्मियों को फ्री हैंड देंगे, हमने वह सब किया. हमने अयोध्या में राम मंदिर बनाने की बात कही थी. 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी.
आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी
लोकसभा में गृहमंत्री ने कहा कि मॉब लिंचिंग घृणित अपराध है और हमने नये कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया है. कांग्रेस से पूछा कि आपने वर्षों देश में शासन किया है, आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया? आपने मॉब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल सिर्फ हमें गाली देने के लिए किया. आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी.
याद करें कि भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 सर्वप्रथम मानसून सत्र के दौरान संसद में पेश किये गये थे. अमित शाह ने शीतकालीन सत्र में इन विधेयकों का संशोधित संस्करण पेश किया. अमित शाह के अनुसार प्रस्तावित कानून पुलिस की जवाबदेही को मजबूत करने के लिए एक प्रणाली लायेंगे.