Bermo: बेरमो अनुमंडल के पेंक थाना अंतर्गत पेंक गांव के एक ठग ने गांव की ही महिलाओं से करीब बीस लाख रुपये ठग कर फरार हो गया. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब लोन देने वाले बैंक के अधिकारियों ने उन महिला समूह के सदस्यों से लोन की राशि वसूलने के लिए गांव पहुंचे. ठगी के शिकार पेंक पंचायत की कई गांवों की महिलाओं ने बताया कि वे फ्यूजन माइक्रो फाइनेंस प्राईवेट लिमिडेट में महीने में पैसा जमा करते थे. पैसा जमा करने के एवज में बैंक ने प्रति महिला को 25 हजार रुपये लोन दिया था. इस प्रकार गांव की दर्जनों महिलाओं को भी 25 हजार रुपये कर लोन दिया था.
लोन की राशि मिलने के बाद गांव के ही लखीराम मांझी उर्फ रतिराम मांझी ने कहा कि 25 हजार रुपये में 20 हजार रूपये वापस कर देगी तो पांच हजार रुपया मिल जाएगा और लोन का राशि माफ हो जाएगा. इसके बाद तुरंत एक लाख रुपये करके सभी महिला को लोन मिलेगा. महिलाओं ने लखीराम मांझी की बातों पर भरोसा करके बैंक के स्वैप मशीन में अंगुठा लगा दिया. लखीराम मांझी ने बैंक में लोन वापसी के नाम सभी का पैसा निकाल लिया. गांव में कुछ दिन रहने के बाद वह अपना नाम भी बदल लिया और गांव वालों से कहा कि अब से कोई उसे लखीराम मांझी के नाम से नही पुकारेगा.
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ठग ने अपना नाम बदल लिया था
कहा कि अब उसका नाम रतिराम मांझी उर्फ धनीराम मांझी हो गया है. नाम बदलने के लिए समाज के गणमान्य लोगों को खस्सी भात भी खिलाया. इतना ही नहीं आधार कार्ड में नाम बदलने के लिए पंचायत के मुखिया सुखमति देवी को सत्यापन के लिए दबाव भी डाल रहा था, लेकिन मुखिया ने रतिराम मांझी के नाम पर सत्यापन करने से मना कर दिया. इसकी पुष्टि मुखिया ने भी की है. इस प्रकार वह गरीब महिलाओं के लोन का पैसा और गांव के पूर्व उप मुखिया रमेश मांझी का बाइक भी लेकर फरार हो गया.
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बैंक में सूद जमा नहीं हो रहा था
बताया जाता है कि फ्यूजन माइक्रो ने जिन महिलाओं को लोन दिया था, वे बैंक में सूद का पैसा वापस नही कर रहे थे. सूद का पैसा वापस नहीं होने पर बैंक अधिकारी रामलाल शर्मा और दीपक कुमार शनिवार को पेंक गांव पहुंचे और महिलाओं से लोन का सूद का पैसा वापस नही करने की बात पूछा. तब पूरा मामला सामने आया. एरिया पदाधिकारी दीपक कुमार ने कहा कि पेंक पंचायत के कई गांवों में दर्जनों महिला समूह संचालित हैं. महिलाओं को झांसा देकर लोन की राशि 25 हजार के अलावा एक लाख लोन दिलाने के नाम पर ठग कर फ़रार हो गया है.
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