Ranchi: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दौरान राज्य सरकार अस्पतालों की व्यवस्था दुरुस्त करने में जुटी हुई थी.रिम्स अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए बेड की संख्या बढ़ाई गई. बेड बढ़ने के साथ मैनपावर की जरूरत थी. जिसके लिए विज्ञापन निकाला गया. मैनपावर की बहाली का जिम्मा टी एंड एम कंसलटिंग प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया. झारखंड रूरल हेल्थ मिशन सोसाइटी के बिहाफ में कंपनी ने आनन-फानन में करीब 749 लोगों को बहाल कर लिया.
इन पदों के लिए बहाल किए गए थे कर्मचारी
स्टाफ नर्स-जीएनएम/बीएससी नर्सिंग जिसके लिए 16 हजार 500 प्रतिमाह राशि तय की गयी थी. 1 साल का अनुभव प्राप्त लैब टेक्नीशियन जिसकी डिग्री डिप्लोमा इन लैब टेक्नीशियन की हो. उनकी नियुक्ति 12 हजार रुपए प्रतिमाह पर की गई. वहीं 1 साल के अनुभव के साथ वेंटिलेटर टेक्नीशीयन जिसके पास डिप्लोमा इन आईसीयू वेंटिलेटर टेक्नीशियन की डिग्री है. उन्हें 15 हजार रुपए प्रतिमाह राशि पर पर बहाल किया गया.
बिना जॉइनिंग लेटर के काम पर रखा, अब कह रहे हैं काम के लिए योग्य नहीं हैं उम्मीदवार
कंपनी के माध्यम से बहाल किए गए नित्यानंद ने कहा कि जॉइनिंग के वक्त रिज्यूम को देखा गया. उसके बाद उसी दिन लोगों को ड्यूटी भी दे दी गई. नियुक्ति से पूर्व जॉइनिंग लेटर भी नहीं दिया गया. 15 से 20 दिन काम करवा लेने के बाद आउटसोर्सिंग एजेंसी कह रही है कि अब आप लोगों से काम नहीं करवाया जाएगा. नित्यानंद ने बताया कि कंपनी के लोग कह रहे हैं कि काम के लिए हमारे पास निबंधन नहीं है. आप सब घर चले जाएं. कंपनी के लोग कहते हैं कि आप इस काम के लिए योग्य नहीं है.
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कई अभ्यर्थियों से नियुक्ति के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी ने लिए पैसे
वहीं बीएससी नर्सिंग की डिग्री प्राप्त एजेंसी के माध्यम से काम कर रही इंदु हांसदा ने कहा कि बिना जॉइनिंग लेटर के लोगों से काम कराया गया. जॉइनिंग के दिन ही ड्यूटी भी लगा दी गई. 12-12 घंटे काम करने के बाद अब कंपनी के कर्मचारी कह रहे हैं कि आप लोगों से काम नहीं करवाया जाएगा. पहले प्राइवेट अस्पताल में काम कर रही थी. सरकारी अस्पताल में काम करने का मौका मिला था, लेकिन अब भविष्य अंधकार में है. उन्होंने कहा कि कई अभ्यर्थियों से जॉइनिंग के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी ने पैसे भी लिए हैं.
3 महीने से 1 साल के एक्सटेंशन पर रखने की कही गई थी बात
टी एंड एम सर्विस कंसलटिंग एजेंसी के माध्यम से बहाल पूनम कुमारी ने कहा कि 3 महीने से लेकर 1 साल तक एक्सटेंशन की बात कहकर नौकरी पर रखा गया. कंपनी ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन भी नहीं किया. सुरक्षा उपकरण मास्क-ग्लव्स भी नहीं दिये. अब कहा जा रहा है कि काम नहीं लिया जाएगा. प्राइवेट अस्पतालों का काम छोड़ हम लोगों ने ज्वाइन किया. लेकिन अब कंपनी हमारे काम किए गए दिन के पैसे की भुगतान से भी इंकार कर रही है.
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सरकारी नौकरी में प्राथमिकता देने की कही गई थी बात
बीएससी नर्सिंग व जीएनएम पास नर्सों का सीनियर की निगरानी में कोविड मरीजों की सेवा में पूर्णकालिक उपयोग किया गया. कोविड प्रबंधन में 100 दिनों का अनुभव होने पर डिग्री लेकर निकले इन मेडिकल व नर्सिंग छात्र-छात्राओं को आगे चलकर सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने की बात भी कही गई थी. इन सभी को भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कोविड राष्ट्रीय सेवा सम्मान दिया जाएगा ऐसा भी कहा गया था.
T & M सर्विस कंसल्टिंग की दलील
टी एंड एम सर्विस कंसल्टिंग के एचआर अभय तिवारी ने कहा कि जो लोग योग्य हैं उनको सैलरी दी जाएगी. हालांकि कंपनी मानती है कि आनन-फानन में 749 लोगों की नियुक्ति हमारी कंपनी के द्वारा की गयी है. इनमें 400 नर्सिंग स्टाफ की मांग थी 396 दिया गया, MTS (मल्टी परपस वर्कर) मांग 430 का इनमें 298 की नियुक्ति हुई है. लैब टेक्नीशियन 50 की संख्या में जरूरत थी जिसमें से कंपनी के द्वारा 44 लोगों को नियुक्त किया गया. वेंटिलेटर और एनेस्थीसिया टेक्नीशियन के लिए 50 लोगों की मांग थी. 6 लोगों को नियुक्त किया गया. कंपनी के एचआर ने कहा कि एक बार फिर नियुक्त किए गए कर्मियों के दस्तावेज की जांच की जाएगी, जिनके दस्तावेज सही नहीं होंगे उन्हें काम से हटाया जाएगा.
महाशय को बहुत बहुत धन्यवाद से कहना चाहता हूँ
मै रामवृक्ष महतो अध्यक्षत पारामेडिकल स्टाफ़ एसोसिएशन झारखण्ड पंजीयन संख्या 3959 झारखण्ड सरकार फोन नं 9122729383
स्वास्थ्य विभाग मे (पारामेडिकल स्टाफ ,नर्सीग स्टाफ़ ) 80% योगदान देते है ।झारखंड में 2006 से पारामेडिकल कोर्स राज्य के तिनो मेडिकल कॉलेजो मे चल रहा है प्रशिक्षण देने के लिए सरकार के पास प्रोपर Infrastructure , syllabus नही है ।
दो वर्ष का कोर्स में ही सरकार धोखा देने लगी प्रशिक्षु छात्रों को और ना परीक्षा ना प्रमाण पत्र दे रही थी सरकार।
2008से आन्दोलन शुरू हुआ कॉलेज से लेकर सचिवालय तक राष्टपति शाषण मे जेल भरो आन्दोलन पर JSPC RANCHI (झारखण्ड राज्य पारामेडिकल परिषद् )रिम्स केम्पस राँची में बोर्ड बनाने के लिए गजट बना कर स्वीकृति दी गई । सरकार की लापरवाही देखते हुये NH 33 को 8 h जाम किया गया। परिणाम बुरा मिला बेरहमी से लाठी चार्ज 100 से अधिक घायल दो दरजनो से गंभीर 14 छात्र 14 दिन के लिये जेल हुआ। तब जा कर 2 साल का कोर्स 5 साल मे पुरा किया गया है। अभी भी बुनियादी समस्याओं का एक भी मांग का समाधान नही किया गया है। इसके लिए एसोसिएशन लगातर आन्दोलन रत है ।
पुर्व स्वास्थ्य मंत्री भानु प्रताप साहि, बैजनाथ राम ,हेमलाल मुर्मू राजेन्द्र सिह, राम चन्द्र वंशी,वर्तमान मंत्री बन्ना गुप्ता जी ने कोई सुध नही लि है।
आउटसोर्स संविदा पार सरकारी पैसो का बन्दर बांट किया जाता है और स्टाफ का हर तरह से शोषण किया जा है। इसका एसोसिएशन सुरु से ही बिरोध करती है।
पारा मेडिकल स्टाफ़ की स्थाई नियुक्ति कर स्वास्थ्य विभाग को स्वस्थ करने कि मांग करता हूँ PHC CHC रेफरल अनुमंडल सदर से मेडिकल कॉलेज चल चिकित्सा वाहन तक।