Kolklata : टीएमसी के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने गुरुवार को कोलकाता में संवाददाता सम्मेलन का आयोजन कर दो तस्वीरें दिखाई. उन तस्वीरों में वैक्सीन जालसाज देबंजन देब और उसका बॉडीगार्ड राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ दिखाई दे रहे हैं. देबंजन देब 23 जून को दक्षिण कोलकाता में लगाये गये फर्जी वैक्सीनेशन कैंप लगाये जाने का आरोपी है.
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देबंजन देब फर्जी वैक्सीन शिविर का भंडाफोड़ होने पर गिरफ्तार हुआ था
एक तस्वीर वैक्सीन जालसाज देबंजन देब और उनके पीछे खड़े उनके बॉडीगार्ड की है. बॉडीगार्ड अमिय वैद्य ने कहा कि वह सीमा सुरक्षा बल या बीएसएफ में जवान हुआ करता था. बता दें कि देबंजन देब को 23 जून को दक्षिण कोलकाता में लगाये गये फर्जी वैक्सीन शिविर का भंडाफोड़ होने के बाद गिरफ्तार किया गया था.
दूसरी तस्वीर में देबंजन देब का बॉडीगार्ड हैंडलबार मूंछों के साथ खड़ा हुआ दिख रहा है. यह तस्वीर कोलकाता के राजभवन की करार दी जा रही है. इस तस्वीर में जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी दो अन्य महिलाओं के साथ दिखाई दे रही हैं. ये सभी राज्यपाल के आवास पर अतिथि हैं. देबंजन देब का बॉडीगार्ड इन महिलाओं के पीछे खड़ा है.
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देबांजन देब की राजभवन के साथ नजदीकी है
सुखेंदु शेखर रॉय ने यह आरोप भी लगाया कि संदिग्ध कोविड-19 टीकाकरण शिविर मामले में गिरफ्तार किये गये देबांजन देब की राजभवन के साथ नजदीकी है. राय ने संवाददाता सम्मेलन में राजभवन में धनखड़ की उपस्थिति में हुए के एक कार्यक्रम में देब के निजी सुरक्षा गार्ड की मौजूदगी की तस्वीरें साझा करते हुए इस मामले की जांच की मांग की.
कहा कि मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा था कि राज्यपाल का नाम हवाला मामले में है, तब उन्होंने अर्धसत्य परोसा. लेकिन जब हमने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया कि हवाला डायरी में जगदीप धनखड़ नामक एक व्यक्ति का नाम है तब उन्होंने चुप्पी साध ली.
सीबीआई हवाला भुगतान साबित नहीं कर पायी
उस समय राज्यापाल ने आरोप का खंडन करते हुए ममता बनर्जी पर झूठ एवं दुष्प्रचार फैलाने का आरोप लगाया था. बता दें कि नब्बे के दशक के मध्य में सामने आये जैन हवाला घोटाले मामले में 65 करोड़ रुपये के कथित हवाला भुगतान का आरोप लगा था और उसमें कुछ नेताओं के आंशिक नाम थे, लेकिन सीबीआई इन व्यक्तियों के विरूद्ध हवाला भुगतान साबित नहीं कर पायी.
राज्यपाल बनाने से पूर्व केंद्र को पृष्ठभूमि जांच कर लेनी चाहिए
राय ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को राज्यपाल बनाने से पूर्व केंद्र को उसकी पृष्ठभूमि जांच कर लेनी चाहिए. हम समझते हैं कि किसी को इस पद पर नियुक्त करने से पहले केंद्र को राज्य सरकार के साथ मशविरा करना चाहिए. कहा कि हम संसद के दोनों सदनों में राज्यपाल को हटाने की मांग करेंगे.