Mumbai : मुंबई पुलिस ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में लिखित रूप से कहा है कि रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी पार्थ दासगुप्ता को लाखों रुपये घूस दी थी. पार्थो दासगुप्ता 2017 से 2018 के बीच अर्नब के सीधे संपर्क में थे और इस दौरान उन्हें विदेशी और भारतीय दोनों ही करेंसी में लाखों रुपये भेजे गये. दोनों 2017 में एक पांच सितारा होटल में मिले थे. अर्नब ने गोस्वामी को स्वीडन और डेनमार्क में हॉलिडे ट्रिप के लिए 6 हजार डॉलर दिये थे.
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बार्क टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) घोटाले की जांच कर रही है
बता दें कि बार्क टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) घोटाले की जांच कर रही है. मुंबई पुलिस ने इस मामले में दासगुप्ता को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था. मीडिया में आई खबरों के अनुसार दासगुप्ता की हिरासत पर सुनवाई के क्रम में पुलिस ने कहा कि दासगुप्ता ने रिपब्लिक टीवी की टीआरपी बढ़ाने के लिए के लिए अर्नब के साथ मिल कर साजिश की.
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पुलिस का आरोप, दासगुप्ता घोटाले के मास्टरमाइंड हैं
पुलिस ने अपने रिमांड नोट में कोर्ट से कहा कि दासगुप्ता घोटाले के मास्टरमाइंड हैं. उसने बार्क के एक और पूर्व बड़े अधिकारी के साथ मिलकर रिपब्लिक टीवी की टीआरपी बढ़ाने के लिए साजिश रची. दासगुप्ता ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया और रिपब्लिक भारत और रिपब्लिक टीवी (अंग्रेजी) की टीआरपी अवैध तरीके से बढ़ाई. बता दें कि दासगुप्ता जून 2013 से नवंबर 2019 के बीच बार्क के सीईओ थे.
अर्नब गोस्वामी ने कोई टिप्पणी नहीं की
सूत्रों के अनुसार अर्नब गोस्वामी ने रिपब्लिक टीवी की टीआरपी बढ़ाने के लिए दासगुप्ता को लाखों रुपये दिये, जिससे दासगुप्ता ने महंगी चीजें खरीदीं. पुलिस ने पूर्व सीईओ की हिरासत और बढ़ाने की मांग की. पुलिस की मांग पर कोर्ट ने उनकी रिमांड 30 दिसंबर तक बढ़ा दी है.
यह पहला मौका है जब पुलिस ने अर्नब गोस्वामी की कथित भूमिका का जिक्र टीआरपी घोटाले में किया है. हालांकि रिमांड नोट में रिपब्लिक ओनर्स लिखा गया है और स्पष्ट तौर पर गोस्वामी का नाम नहीं लिखा गया है. हालांकि गोस्वामी ने इस पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है.
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