Ranchi : रांची के कई आदिवासी संगठनों ने सोमवार को संयुक्त रूप से विश्व आदिवासी दिवस पर बाइक रैली निकाली. आदिवासी झंडे और पारंपरिक वेशभूषा में बाइक रैली पुराने विधानसभा भवन से लेकर अलबर्ट एक्का चौक तक निकाली गयी. रैली में विभिन्न आदिवासी संगठनों के लगभग 400 लोग शामिल हुए. रैली निकालने के पीछे छुपे संदेश के बारे में बताया गया कि रैली का उद्देश्य विभिन्न संगठनों के बीच एकता का प्रदर्शन है. हम चाहे किसी भी क्षेत्र के हों, कोई भी भाषा बोलते हों, हम सब एक हैं. हमारी एकता हमारी पहचान है. रैली के अलावा अलबर्ट एक्का चौक पर लोगों ने मिलकर पारंपरिक नृत्य कर-गीत गाकर विश्व आदिवासी दिवस मनाया. कार्यक्रम के अंत में संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर इस दिन की बधाई दी. साथ ही उन्हें तीर-धनुष भेंट की.
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कार्यक्रम में बांटे गये पौधे
रैली में बिरसा चौक, सुजाता चौक और अलबर्ट एक्का चौक पर झारखंड के शहीद वीरों की मूर्तियों पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गयी. इस दिन के महत्व और इतिहास पर बात करते हुए अवसर पर कहा गया कि पूरे विश्व में आदिवासियों के संरक्षण और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए इस दिन को चुनाव किया गया. इसके साथ ही उनके द्वारा किये जा रहे पर्यावरण संरक्षण में विशेष भूमिका होने को भी दर्जा दिया गया. इसी को ध्यान में रखते हुए संगठन ने बाइक रैली के बाद लोगों के बीच पौधों का वितरण किया.
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पर्यावरण बचाने से ही हम बच पायेंगे : अजय तिर्की
इस अवसर पर संदेश देते हुए केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि संयुक्त राष्ट्रीय संघ ने 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस घोषित किया. आदिवासी सभ्यता और संस्कृति को विलुप्त होता देख इस संरक्षण दिये जाने की बात कही गयी. हमारी संस्कृति, भाषा, सभ्यता, जल, जंगल, जमीन आदि के संरक्षण के लिए 192 देशों ने सहमति दी. इस आदिवासी दिवस पर हम यही संदेश देना चाहेंगे कि अगर आदिवासियों को बचाना है तो पर्यावरण बचाना सबसे जरूरी है. पेड़-पौधे और जंगलों को बचाने से ही दूसरे जीव-जंतु बच पाएंगे.
कार्यक्रम में मुख्य रूप से किशोर लोहरा, सचिव संजय लोहरा, संरक्षक छोटू आदिवासी, चेटे मुखिया अजय कच्छप, समिति के संरक्षक और एचईसी विस्थापित मोर्चा अध्यक्ष राहुल उरांव, जयंत कच्छप, चिलगू कच्छप, शाशि लोहरा, रौशन तिर्की, छोटू उरांव सहित दूसरे सामाजिक धार्मिक संगठनों से लोग शामिल हुए.
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