Ranchi : झारखंड की सत्ता पाने के लिए कमोवेश सभी राजनीतिक पार्टियों ने क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं को एक मुख्य हथियार बनाया है. राज्य सरकार द्वारा कुडुख, मुंडारी, हो, खड़िया, पंचपरगनिया, खोरठा, नागपुरी, कुरमाली को द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया गया. संथाली भाषा पहले से ही संविधान की आठवीं सूची में दर्ज है. इसके बावजूद किसी भी राजनीतिक पार्टी ने स्कूली स्तर पर जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं को कैसे विकसित हो, कैसे इसकी पढ़ाई हो, इस ओर कोई विशेष पहल नहीं की.
झारखंड बनने के बाद से सरकारी स्कूलों में तीन बार (2012, 2015 और 2017 में) स्नातोकत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों (प्लस टू शिक्षकों) की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया. तीनों ही बार केवल 11 चयनित विषयों (हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, अर्थशास्त्र, भूगोल, इतिहास, भौतिकी, रसायनशास्त्र, जीव विज्ञान, गणित, वाणिज्य) के लिए ही विज्ञापन जारी हुआ. इसमें झारखंडी भाषाओं (कुडुख, संथाली, मुंडारी, हो, खड़िया, पंचपरगनिया, खोरठा, कुरमाली, नागपुरी) के लिए एक भी पद नहीं था. बीते दिनों प्लस टू स्कूलों के लिए कुल 3120 पदों पर शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किए गए. लेकिन इसमें भी जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं के लिए कोई पद नहीं है.
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22 साल बाद भी प्लस टू स्कूलों में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक के 11 पद ही सृजित
स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के मुताबिक, वर्तमान में राज्य में प्लस टू स्कूलों की कुल संख्या 635 है. इसमें से 59 स्कूल एकीकृत बिहार के समय से हैं. शेष 576 झारखंड बनने के बाद बनाए गए. 2007 – 08 में 171, 2016 – 17 में 280, 2021 – 22 में 125 प्लस टू स्कूल बनाए गए थे. प्रत्येक स्कूलों में शिक्षकों के अलावा व्याख्याता के लिए 11, प्रयोगशाला सहायक के 3, लिपिक तथा आदेशपाल के 1-1 पद होते हैं. राज्य गठन के 22 साल पूरे होने को हैं, लेकिन अभी तक इन प्लस टू स्कूलों में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक के 11 पद (हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, अर्थशास्त्र, भूगोल, इतिहास, भौतिकी, रसायनशास्त्र, जीव विज्ञान, गणित, वाणिज्य) ही सृजित हैं.
हेमंत सरकार ने 125 स्कूलों के लिए की विशेष पहल
हेमंत सरकार ने सत्ता में आने के बाद जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा को लेकर कुछ पहल जरूर की. 2021-22 में 125 प्लस टू स्कूलों में सृजित किए गए. स्कूलों में जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा के पद सृजित करने के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा एक छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया. कमेटी का गठन 29 जुलाई 2022 को किया गया. समिति को एक माह के अंदर रिपोर्ट सौंपनी थी. कमेटी के कई कामों में एक काम, 125 प्लस टू स्कूलों में उसकी अवस्थिति के अनुरूप क्षेत्र विशेष की विशिष्ट क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषा के लिए पद सृजन का आकलन करना था. लेकिन कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक तक नहीं की गई.
2022 में 3120 पदों के लिए विज्ञापन, लेकिन जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के एक भी पद नहीं
बीते 3 अगस्त को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) ने प्लस टू स्कूलों के लिए 3120 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया है. सभी में उपरोक्त 11 विषयों (हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, अर्थशास्त्र, भूगोल, इतिहास, भौतिकी, रसायनशास्त्र, जीव विज्ञान, गणित, वाणिज्य) के ही पद सृजित हैं. इसमें सीधी नियुक्ति में 2137 पद एवं सीमित भर्ती (केवल टीजीटी शिक्षक के लिए आरक्षित) में 718 पद और बैकलॉग के कुल 204 पद एवं सीमित भर्ती (केवल टीजीटी शिक्षक के लिए आरक्षित) में 61 पदों के लिए विज्ञापन जारी हुआ है.
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