Ranchi: भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा रांची महानगर एवं ग्रामीण का हल्ला बोल कार्यक्रम राजभवन के सामने धरना की शक्ल में हुआ. धरना को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक सह मोर्चा प्रदेश प्रभारी रामकुमार पाहन ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार में आदिवासी समाज सुरक्षित नहीं है. आदिवासी समाज को बरगलाकर वोट लेकर सत्ता में बैठी झारखंड मुक्ति मोर्चा को आदिवासी समाज से कोई लेना देना नही है.
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आदिवासी खुद को महसूस कर रहे असुरक्षित
पाहन ने आगे कहा कि वर्तमान सरकार में आदिवासी समाज अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे है. हेमंत सरकार के बनते ही चाईबासा में हुई आदिवासियों का नरसंहार हो या आदिवासी बहनों के साथ लगातार हो रहे दुष्कर्म की घटना. सरकार की विधि व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ी करती है.
भाजपा प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अशोक बड़ाईक ने कहा कि हेमंत सरकार राज्य की बेटियों को सुरक्षा देने में पूर्ण रूप से विफल साबित हुई है. राज्य में लॉ लेसनेस की स्थिति है.
बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं पर जतायी चिंता
बड़ाईक ने कहा कि एक वर्ष में 1765 बेटियों की इज्जत तार-तार हुई. प्रत्येक दिन पांच दुष्कर्म व पांच हत्या की घटनाएं घट रही हैं. साहेबगंज, बरहेट से लेकर रामगढ़ व रांची राजधानी की महिलाएं भी सुरक्षित नहीं है. भाजपा सरकार में सबसे ज्यादा आदिवासी युवक युवतियों को दी गई नौकरी को हेमंत सरकार छिनने का काम कर रही है. आदिवासी समाज के अगुवागणों पाहन, पुजार,मानकी, मुंडा,मांझी इत्यादि को भाजपा सरकार ने आर्थिक रूप से सहयोग देने के लिए मानदेय तय किया था. लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार ने इसे भी बंद कर दिया.
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