Ranchi (Rajnish Prasad) : झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी इन दिनों विवाद में चल रहा है. एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष ने अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. एंटी करप्शन ब्यूरो से इसकी शिकायत की गई है. एक साल पहले जेयूटी में 72 शिक्षकों की बहाली की गयी थी. इस आरोप को लेकर राज्य सरकार ने जांच के लिए एक कमेटी बनाई है. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी जांच कमेटी बनाई है.
बिना नियमावली बनाये नियुक्ति कर दी गयी: प्रदेश उपाध्यक्ष
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा कि झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी अभी नया बना है. इसके लिए नियमावली नहीं बनी है. नियमावली बनाये बिना ही नियुक्ति कर दी गयी है. नियुक्ति के लिए एक ही आउटसोर्सिंग कंपनी को बुलाया गया था. वेतन नियमावली बनाये बिना वेतन का भुगतान किया जा रहा है. इस बात की शिकायत की गयी, लेकिन कोई संज्ञान नही लिया गया. वर्तमान कुलपति विजय पांडेय, रजिस्ट्रार अमर कुमार चौधरी, वित पदाधिकारी हरिहर प्रसाद इस भ्रषटाचार में लिप्त हैं. मैंने राज्य सरकार और राजभवन से भी इसकी शिकायत की है.
मेरे और वर्तमान कुलपति के कार्यकाल से पहले का मामला है : रजिस्ट्रार
इधर, झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के रजिस्ट्रार डॉ अमर कुमार चौधरी ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया मेरे और वर्तमान कुलपति के कार्यकाल से पहले की है. इस संबंध में हमारे पास शिकायत आई थी. इसका संज्ञान लेते हुए जांच कमेटी का गठन किया गया है. एग्जामिनेशन कंट्रोलर जांच कमेटी के अध्यक्ष हैं. रजिस्ट्रार सदस्य सचिव और सहायक परीक्षा नियंत्रक इसके सदस्य हैं. रिपोर्ट आने से पहले किसी को हम दोषी घोषित नहीं कर सकते हैं. दूसरी ओर राज्य सरकार से भी शिकायत की गयी थी. जिसके बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनायी है. सरकार की जांच कमेटी के विषय में मुझे कुछ विशेष जानकारी नहीं है. सरकार द्वार बानाई गयी कमेटी अपने स्तर से जांच कर रही है. हमने जो जांच कमेटी बनाई है, उस कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद हम चांसलर के यहां जमा कर देंगे.
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