Saurav Singh
Ranchi : मैन पॉवर की कमी से झारखंड पुलिस की दो बड़ी जांच एजेंसियां जूझ रही हैं. इन जांच एजेंसियों में पहली सीआईडी और दूसरी एसीबी है .लंबे से समय से इन दोनों जांच एजेंसियों में मैन पॉवर की कमी है. गौरतलब है कि सीआईडी में दो आईजी समेत एसपी के कई पद खाली हैं, जबकि एसीबी में डीआईजी का एक पद समेत एसपी के कई पद खाली हैं.
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सीआईडी में दो आईजी समेत एसपी के छह पद स्वीकृत
सीआईडी और एसीबी में मैन पॉवर की कमी पिछले कई महीनों से है. सीआईडी में दो आईजी समेत एसपी के छह पद स्वीकृत है. इनमें आईजी के दोनों पद खाली हैं और एसपी के छह पद में पांच खाली है. वहीं एसीबी की बात की जाये तो दो डीआईजी के समेत एसपी के पांच पद स्वीकृत हैं, जिनमें डीआईजी का एक पद और एसपी के तीन पद खाली पड़े हुए हैं.
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मैन पॉवर के बाद भी सीआईडी कर रही बेहतर काम
अपराध अनुसंधान विभाग यानी CID मैन पॉवर के बाद भी बेहतर काम कर रही है. एडीजी अनिल पाल्टा के नेतृत्व में झारखंड सीआइडी ने इस साल एक जनवरी के लेकर 31 दिसंबर तक 75 मामलों का निष्पादन किया है. यानी सीआइडी ने हर महीने औसतन छह मामले का निष्पादन किया है. इन 75 मामले में 10 सायबर क्राइम से संबंधित है.
बाकी 65 अन्य क्राइम के मामले हैं. इस वर्ष सीआईडी ने कुल 60 मामलों को टेकओवर किया था. जिनमें 25 साइबर क्राइम के और 35 अन्य क्राइम के मामले थे. सीआइडी ने ज्यादातर ऐसे मामलों का निष्पादन किया है जो लंबे समय से लंबित पड़े हुए थे. बता दें कि एक जनवरी 2020 तक सीआईडी में जांच के लिए पूर्व के 287 मामले पेंडिंग में पड़े थे.
एसीबी ने पिछले वर्ष 60 लोगों को घूस लेते लिया गिरफ्तार
वर्ष 2020 में एसीबी की कारवाई घूसखोर अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ जारी रही. एक जनवरी 2020 से लेकर 31 दिसंबर 2020 तक एसीबी की टीम ने राज्य के अलग अलग जिलों में घूस लेते 60 अधिकारोयं और कर्मियों को गिरफ्तार किया है. इससे पहले वर्ष 2019 में एसीबी ने 67 लोगों को गिरफ्तार किया था.
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