Adityapur (Sanjeev Mehta) : आदित्यपुर सहित कोल्हान की सभी औद्योगिक इकाइयों एवं उनके वेंडर द्वारा मजदूरों को दी जाने वाली मजदूरी/ वेतन एवं कर्मचारियों/ मजदूरों को दी जाने वाली बोनस की जांच श्रम विभाग द्वारा कराए जाने की मांग राष्ट्रीय जनता दल ने की है. उक्त बातें प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राजद के प्रदेश महासचिव सह प्रभारी पूर्वी सिंहभूम एवं आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह ने कही है.
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श्रेव सिंह ने कहा कि कुछ बड़ी औद्योगिक इकाइयों को छोड़कर ज्यादातर औद्योगिक इकाइयां और उनके वेंडर अपने मजदूरों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी एवं लाभांश के आधार पर बोनस का भुगतान नहीं करते हैं. न्यूनतम मजदूरी की मांग करने पर औद्योगिक इकाइयों एवं उनके वेंडर द्वारा अस्थाई मजदूरों को काम से हटा दिया जाता है. ज्यादातर औद्योगिक इकाइयां न्यूनतम बोनस 8.33% देकर मजदूरों का वास्तविक हक देने से कतराते हैं. उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयों और उनके वेंडर को न्यूनतम 8.33% और अधिकतम 20% बोनस देना है, मगर ज्यादातर इकाइयां न्यूनतम बोनस देकर मजदूरों की हकमारी कर रही है. उन्होंने श्रम विभाग के अधिकारियों से मांग किया है कि सभी औद्योगिक इकाइयों और उनके वेंडर द्वारा पिछले 3 वर्षों से दी गई मजदूरी एवं बोनस की जांच कराई जाए. न्यूनतम मजदूरी एवं लाभांश के आधार पर वास्तविक बोनस नहीं देने वाले औद्योगिक इकाइयों और उनके वेंडरो पर कार्रवाई की जाए, साथ ही साथ मजदूरों को उनका वास्तविक हक भी इंटरेस्ट के साथ वापस दिलाया जाए.
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पुरेंद्र नारायण सिंह ने झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, विभागीय सचिव राजेश शर्मा, श्रमायुक्त, झारखंड से मांग किया है कि *एक कमेटी बनाकर कोल्हान के सभी औद्योगिक इकाइयों द्वारा मजदूरों को दिए जाने वाले मजदूरी/ वेतन एवं बोनस की सघन जांच कराई जाए* ताकि कोई औद्योगिक इकाइ मजदूरों के साथ अन्याय न कर सके. पुरेंद्र ने बताया कि शीघ्र ही राजद का एक प्रतिनिधिमंडल माननीय मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री, श्रम सचिव से मिलेगा एवं मजदूरों को वास्तविक बोनस एवं न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित किए जाने हेतु मांग पत्र सौंपेगा. प्रेस वार्ता में पुरेंद्र नारायण सिंह के अलावे शिक्षाविद एस डी प्रसाद, देव प्रकाश, पार्षद सिद्धनाथ सिंह यादव, प्रमोद गुप्ता, कुमार बिपिन बिहारी प्रसाद शामिल थे.
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आदित्यपुर : हथियाडीह में मूलभूत अधिकार छीना जा रहा है : रमेश
Adityapur (Sanjeev Mehta) : हथियाडीह में ग्रामीणों का आदिवासियों और मुलवासियो का मूलभूत अधिकार को छीना जा रहा है. राज्य सरकार और स्थानीय विधायक और मंत्री चंपई सोरेन आम लोगों के तरफ ना होकर कंपनी के प्रभाव में आकर जल जंगल जमीन को पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रख दिये हैं. उक्त बातें भाजपा नेता रमेश हांसदा ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कही. उन्होंने बताया कि हथियाडीह के ग्रामीण विगत 10 दिनों से लगातार अपने गांव की जमीन में बने रास्ते और फुटबॉल मैदान को बचाने के लिए आंदोलन एवं संघर्षरत है. जिला प्रशासन स्थानीय मंत्री के दबाव में आकर जबरन आदिवासी महिलाओं पर लाठी चार्ज करके धरना प्रदर्शन कर रहे महिलाओं को थाना में बंद कर दे रही है. इस मामले में स्थानीय ग्राम प्रधान की भी भूमिका संदिग्ध है. स्थानीय ग्राम प्रधान ने फर्जी ग्राम सभा का कागज लेकर कंपनी प्रबंधन को जमीन उपलब्ध कराने में मदद कर रहे हैं.
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वर्तमान मुख्यमंत्री बयानों में हमेशा आदिवासी मूलवासियो के अधिकार के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन जब उसके अधिकार की बारी आती है तो उनको दरकिनार किया जाता है. हथियाडीह इसका ताजा प्रमाण है. मुख्यमंत्री का सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में जिला में आगमन हो रहा है यदि इस मुद्दे पर समाधान नहीं होता है या मुख्यमंत्री का कोई बयान नहीं आएगा तो सीधा समझ जाएगा कि आदिवासि मुख्यमंत्री आदिवासी मूलवासियों को दरकिनार कर सरकार चला रही है. हर हाल में आदिवासियों और मूलवासियों की सुरक्षा होनी चाहिए. संवाददाता सम्मेलन में सफल महतो, बिशु महतो भी मौजूद थे.