उप डाकघर रेलवे स्टेशन के ग्रामीण डाक कर्मी रहे हड़ताल पर
Latehar : अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ, पलामू के आह्वान पर शुक्रवार को चौथे दिन भी ग्रामीण डाक कर्मी हड़ताल पर रहे. लातेहार रेलवे स्टेशन उप डाक घर शाखा के सामने कर्मियों ने धरना दिया और जमकर नारेबाजी की. उप डाकघर के उज्ज्जवल यादव ने बताया कि जिले के सभी ग्रामीण डाक कर्मी 12 दिसंबर से बेमियादी हड़ताल पर हैं. सरकार ग्रामीण डाक कर्मियों की मांगों पर कोई विचार नहीं कर रही है. ऐसे में वो हड़ताल पर जाने को विवश हैं. बताया कि इस दौरान कर्मी बीओ बैग का आदान-प्रदान, दैनिक लेखा-जोखा और विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये मोबाइल उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करेंगे.
ग्रामीण डाक कर्मियों की ये हैं मांगे
ग्रामीण डाक सेवकों को आठ घंटे का काम पेंशन सहित नियमित कर्मचारियों के समान 12, 24 और 36 वर्ष का लाभ देने, पांच लाख रुपये तक का ग्रुप बीमा कराने, विभागीय कर्मचारियों के समान जीडीपी की ग्रेच्युटी में वृद्धि करने, 180 दिनों तक सार्वजनिक छुट्टी को आगे बढ़ाने और उसका नगदीकरण करने समेत अन्य कई मांगों को लेकर ग्रामीण डाक कर्मी हड़ताल कर रहे हैं. मौके पर क़ष्णानंद पांडेय, अनुधर सिंह, पवन झा, ओमप्रकाश प्रसाद, धीरेंद्र राम, ओमप्रकाश उरांव, पुष्पंजीत कुमार, रीतेश कुमार आदि मौजूद रहे.
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सरकार ग्रामीण डाक कर्मियों की अनदेखी कर रही : सुनील प्रसाद
अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ के लातेहार जिला अध्यक्ष सुनील प्रसाद ने कहा कि सरकार ग्रामीण डाक कर्मियों की अनदेखी कर रही है. हड़ताल के चौथे दिन शुभम संदेश से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि विगत 12 दिसंबर से ग्रामीण डाक कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने हड़ताल को समाप्त करने की कोई पहल नहीं की. हड़ताल के कारण डाक सेवा कार्य बाधित हो रही है.
विषम परिस्थति व कम संसाधनों में बेहतर कार्य करते, फिर भी की जाती रही उपेक्षा
सुनील प्रसाद ने कहा कि ग्रामीण डाक कर्मी विषम परिस्थति व कम संसाधनों में बेहतर कार्य करते हैं, लेकिन अब तक उनकी उपेक्षा की जाती रही है. कहा कि ग्रामीण डाक सेवकों को भी पेंशन व अन्य सुविधाएं मिलनी चाहिए. नियमित कर्मचारियों को जो सुविधाएं मिलती है, वह ग्रामीण डाक सेवकों को भी मिलनी चाहिए. उन्होंने भारत सरकार के अन्य सभी योजनाओं एवं कार्यों का घंटे में मूल्याकंन करने एवं उस आधार पर समय बढ़ा कर वेतन में वृद्धि करने, टीआरसीए को अविलंब बंद कर उसके स्थान पर समान कार्य के लिए समान वेतन का भुगतान करने और जीडीएस कर्मचारियों का विभागीय अधिकारियों द्वारा दवाब बनाकर उनका उत्पीड़न बंद करने की मांग की. इसके अलावा सेवाओं को बेहतर करने के लिए सभी शाखा कार्यालयों को लैपटॉप, प्रिंटर व ब्रॉडबैंड नेटवर्क व अन्य आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराना संघ की मांगों में शामिल है.