Ranchi: सीएम हेमंत सोरेन ने एक बार फिर कहा है कि कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को संरक्षित करना सरकार की पहली प्राथमिकता है. उन्होंने स्वयं ही अनाथ, गरीब, जरूरतमंद लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं के समाधान का प्रयास किया है. साहेबगंज जिले के बरहेट प्रखंड में अनाथ हुए बच्चे उदय हांसदा का उदाहरण देते हुए सीएम ने कहा कि, जब मैं उस बच्चे से मिला तब वह बच्चा 8 साल का था. किसी कारण से उस बच्चे के माता-पिता और भैया, भाभी की मृत्यु हो गई थी. तब उन्होंने ग्रामीणों के सहयोग से उस बच्चे को नानी की देखरेख में रखवाया.
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आज वह बच्चा 10 साल का हो गया है और पढ़ लिख रहा है. वह बच्चा आज भी हमारी निगरानी में है. सीएम ने यह बातें रविवार को “प्रोजेक्ट शिशु” के अंतर्गत कोविड-19 महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों के पुनर्वास हेतु झालसा द्वारा आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कही.
इस दौरान सीएम ने झालसा द्वारा शुरू प्रोजेक्ट शिशु अभियान की सराहना भी की. उन्होंने कहा है कि प्रोजेक्ट शिशु कार्य निश्चित रूप से संवेदनशील और हृदय को छूने वाला कार्य है.
चीफ जस्टिस सहित अन्य जजों ने रखी अपनी बात
इस अवसर पर झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन ने “प्रोजेक्ट शिशु” के तहत हो रहे कार्य और अपने अनुभवों को साझा किया. उन्होंने कई आवश्यक सुझाव तथा किए जा रहे कार्यों के मूल मंत्र को दर्शाया. जज अपरेश कुमार सिंह ने कोरोना संक्रमण काल में वैसे बच्चे जिनके जीवन से माता-पिता का साया उठ गया है, उनकी व्यथा को सभी के समक्ष रखा. ऐसे बच्चों के लिए प्रोजेक्ट शिशु” के तहत झालसा तथा राज्य सरकार के समन्वय से किए जा रहे कार्यों से सभी को अवगत कराया.
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अनाथ बच्चों को पारिवारिक माहौल देना सरकार की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के जरूरतमंद तथा अनाथ बच्चों को पारिवारिक माहौल देने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है. जरूरतमंद और अनाथ बच्चों को उनके गांव में ही भरण पोषण तथा शिक्षा मिल सके इस निमित्त राज्य सरकार कार्य योजना बना रही है. मौके पर मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से झालसा द्वारा चिन्हित सोनाहातू प्रखंड तथा बेड़ो प्रखंड के लाभुकों को सरकार के विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं के लाभों से जोड़ा गया.
संभावित तीसरी लहर की तैयारी जोरों पर
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक तथा विशेषज्ञों द्वारा संभावित कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर के मद्देनजर सरकार ने पूर्ण रूप से तैयारी करने का कार्य किया है. राज्य भर के अस्पतालों में शिशु केयर वार्ड बनाकर सभी चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में हुई मौत को देखते हुए राज्य में ग्राम तथा पंचायत स्तर पर डेथ ऑडिट करने का कार्य राज्य सरकार कर रही है. संक्रमण काल में कोरोना से हुई मृत्यु का सही आंकड़ा उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है.