NewDelhi : यूक्रेन के राजदूत डॉ आइगर पोलिखा (Dr Igor Polikha) का कहना है कि यूक्रेन पर रूस का नरसंहार ठीक वैसा ही है, जैसा मुगलों ने भारत में कभी राजपूतों पर किया था. उन्होंने कहा कि हम लगातार मोदीजी सहित दुनिया के प्रभावशाली नेताओं से मदद की अपील कर रहे हैं. कहा किवैश्विक नेताओं को यूक्रेन पर रूस की बमबारी-गोलाबारी रोकने के लिए हर संसाधन का इस्तेमाल करना चाहिए.
His Excellency should keep his half-baked knowledge about medieval Indian history to himself. It reeks of Islamophobia, besides being an inaccurate representation of what’s going on. Wonder where he got the idea of using “Mughals” to get @narendramodi’s attention? https://t.co/tPtlvrnA3w
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 1, 2022
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मुगलों के इस्तेमाल का आइडिया कहां से आया?
यूक्रेन के राजदूत की मुगलों वाली टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘मान्यवर भारत के मध्यकालीन इतिहास का आधा-अधूरा ज्ञान अपने पास ही रखें. इसमें इस्लामोफ़ोबिया की बू आती है. गलत तरीक़े से पेश मत कीजिए. मैं हैरान हूं कि नरेंद्र मोदी का ध्यान ख़ींचने के लिए उन्हें मुगलों के इस्तेमाल का आइडिया कहां से आया?’
जान लें कि 25 फरवरी को यूक्रेन के राजदूत आइगर पोलिखा ने भारत के रुख पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि संकट की इस घड़ी में उन्हें भारत से ज्यादा मदद की उम्मीद थी. कहा था कि उन्हें नहीं पता कि इस वक्त व्लादिमीर पुतिन कितने लोगों की बात सुनेंगे, लेकिन अगर मोदीजी मजबूती से अपनी बात रखें तो पुतिन कम से कम एक बार जरूर सोचेंगे.
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भारत ने संतुलित एडवाइजरी जारी की थी
इससे पूर्व 24 फरवरी को भी यूक्रेन के राजदूत आइगर पोलिख ने भारत से मदद मांगते हुए चाणक्य और महाभारत का उदाहरण दिया था. कहा था कि एक मजबूत वैश्विक शक्ति होने के चलते भारत को यूक्रेन की मदद करनी चाहिए. 2 हजार 400 साल पहले जब यूरोप में कोई सभ्यता नहीं थी, तब भी भारत के पास एक अच्छी कूटनीति थी. 15 फरवरी को यूक्रेन पर रूस के हमले से पहले यूक्रेन के राजदूत ने भारत की तारीफ की थी. उस समय अमेरिका, जापान सहित कई देशों ने जब अपने नागरिकों से यूक्रेन छोड़ने की अपील की थी, तब भारत ने संतुलित एडवाइजरी जारी की थी. इस पर आइगर पोलिखा ने कहा था कि भारतीय छात्रों को वापस बुलाये जाने में जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने की थी पीएम मोदी से बात
इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने 26 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी. उन्होंने पीएम मोदी से कहा था कि उनकी धरती पर 1 लाख से ज्यादा आक्रमणकारियों ने घुसपैठ कर रखी है. उन्होंने कहा था कि वे Security Council में भारत की तरफ से अपने पक्ष में समर्थन चाहते हैं. लेकिन भारत ने इसके बात UNSC में हुई वोटिंग से दूरी बना ली थी और मतदान ही नहीं किया था. बता दें कि अब तक भारत की तरफ से जारी बयानों में रूस के हमले का ना ही जिक्र किया गया है और ना ही उसके किसी कदम की आलोचना की गयी है,