Ranchi: प्रधानमंत्री खाद्यान योजना के लिए केंद्र सरकार ने 2 लाख 18 हजार करोड़ रुपये की राशि दी है. कोविड काल में इससे 80 करोड़ लोगों को राशन देना है. जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि राशन वितरण में कोई गड़बड़ी न हो. लाभुकों तक समय पर खाद्यान्न पहुंचे. यह बातें केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने गुरुवार को जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में कही.
केंद्रीय मंत्री ने वैक्सीनेशन पर दिया जोर
बैठक में अर्जुन मुंडा ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में अगर वैक्सीनेशन 80 प्रतिशत हो जाता है, तो कोविड का प्रभाव कम हो जाएगा. शहरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण इलाकों में इसके लिए लोगों के बीच जागरुकता होनी चाहिए. जिला प्रशासन प्रचार-प्रसार के साथ ही अपने अधिकारियों को इसके लिए वैक्सीनेशन सेंटर पर तैनात करे. इसके साथ ही वैक्सीन का वेस्टेज न हो इसपर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए.
बैठक का आयोजन जिला प्रशासन ने श्री कृष्ण लोक प्रशासन संस्थान में किया. बैठक में नगर आयुक्त और उपनगर आयुक्तों की अनुपस्थिति पर उन्होंने सवाल किया. वहीं बैठक में योजनाओं की समीक्षा पूरी न होने पर कहा कि इसे किसी दूसरे दिन फिर आयोजित किया जाएगा.
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ग्रामीण क्षेत्रों में 5 प्रतिशत भी अनाज का नहीं हो रहा वितरण- संजय सेठ
खाद्य वितरण प्रणाली में हो रही गड़बड़ियों पर सांसद संजय सेठ ने प्रकाश डालते हुए कहा कि विभाग के आकड़ों में खाद्य वितरण बिल्कुल सही चल रहा है. लेकिन हकीकत कुछ और है. ग्रामीण क्षेत्रों में 5 प्रतिशत भी अनाज का वितरण नहीं हो रहा. शहरी क्षेत्र का भी हाल कुछ ऐसा ही है. पीडीएस दुकानदारों की मनमानी है. इसपर उन्होंने प्रशासन को फ्लाइंट स्कॉट टीम का गठन कर छापेमारी करने का निर्देश दिया.
बिहार सरकार की तर्ज पर राशन वितरण की जानकारी से संबंधित निकले विज्ञापन
इस बैठक में उपस्थित विधायकों ने कहा कि खाद्य वितरण की जानकारी लोगों को है ही नहीं. उन्हें पता ही नहीं होता कि प्रति व्यक्ति कितना राशन मिलना है, या लोगों को कौन सी योजना का लाभ दिया जा रहा है. पीडीएस दुकानों में 35 की जगह 30 किलो अनाज दिया जाता है. इनसब पर रोक लगनी चाहिए. बिहार की तरह यहां भी सरकार को अनाज से संबंधित विज्ञापन अखबारों में निकालनी चाहिए.
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