Girish Malviya
ऐसा पहली बार हो रहा है कि 25 शाखाओं वाले बैंक में 566 ब्रांच वाले बैंक का मर्जर किया जा रहा है. दुनिया के बैंकिंग इतिहास में यह अनोखी घटना है. हम बात कर रहे हैं DBS बैंक में लक्ष्मी विलास बैंक के मर्जर की.
कर्मचारियों की संख्या से लिहाज से भी देखें तो लक्ष्मी विलास के कर्मचारियों की संख्या 4,349 है. जबकि DBS बैंक के कर्मचारियों की संख्या 4 के आंकड़े में भी नहीं पहुंची होगी.
लक्ष्मी विलास बैंक देश के सबसे पुराने बैंकों में शुमार है. इसकी अलग-अलग राज्यों में 566 ब्रांच, 973 ATM मशीनें हैं. वहीं DBS बैंक की मात्र 25 शाखाएं अभी तक खुली हैं. जबकि यह 1994 से भारत में काम कर रहा है. केंद्रीय बैंक ने किसी भारतीय बैंक को विदेशी मूल वाले किसी दूसरे बैंक के साथ विलय का आदेश दिया है. डीबीएस बैंक सिंगापुर का सबसे बड़ा बैंक है.
बैंक के बढ़ते एनपीए और इसे चलाने में आ रही कठिनाइयों के बीच केन्द्र सरकार ने सिंगापुर की सबसे बड़े ऋणदाता डीबीएस बैंक के लोकल यूनिट डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (डीबीआईएल) के साथ विलय करने को कहा है.
ऐसा पहली बार हो रहा है, जब किसी भारतीय बैंक को सुरक्षित रखने के लिए उसके विदेशी प्रतिद्वंद्वी बैंक को चुना गया है.
आरबीआइ ने कहा है कि विलय योजना को मंजूरी मिलने पर इसकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (डीबीआइएल) में सिंगापुर का डीबीएस बैंक 2500 करोड़ रुपये (46.3 करोड़ सिंगापुर डॉलर) लगायेगा. इसकी फंडिंग पूरी तरह से डीबीएस के मौजूदा संसाधनों से की जायेगी.
दरअसल वर्ष 2017 में सरकार ने DBS बैंक की शाखाओं का भारत में विस्तार करने से इसलिए रोक दिया था, क्योंकि सिंगापुर ने भारतीय स्टे्ट बैंक और आइसीआइसीआइ जैसे बैंकों को कम्प्रेआहेन्सिव इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एग्रीमेंट (सीइएसए) के तहत कुछ पॉलिसी का हवाला देते हुए अपने बाजार में विस्ताएर करने से रोक दिया. इसके परिणामस्वजरूप भारत सरकार ने भी भारत में डीबीएस बैंक के रिटेल विस्तार को भी रोक दिया था.
एक ओर FDI को लेकर सिंगापुर तेजी से मॉरीशस को पीछे छोड़ रहा है. भारत में काले धन की राउण्ड ट्रिपिंग को लेकर सिंगापुर पहले से ही बदनाम है. इस तथ्य की पुष्टि इस बात से भी होती है कि कुछ महीने पहले अमेरिका के फिनसेक पेपर्स बाहर आये हैं. इन कागजों की जांच करने से पता चलता है कि DBS बैंक के भारत में संदिग्ध लेनदेन काफी बढ़े हुए हैं.
DBS बैंक से 26 बार में इलाहाबाद बैंक में करीब 14.42 करोड़ डॉलर भेजे गये. सिंगापुर मुख्यालय वाला डीबीएस से इंडियन ओवरसीज बैंक को 21 लेनदेन के जरिये 16.23 करोड़ डॉलर भेजे गये. ये लेनदेन 3 नंवबर, 2015 से 14 अप्रैल, 2016 के बीच किये गये थे. ऐसे और भी रिकॉर्ड हैं.
सबसे बड़ी बात तो यह है कि आरबीआइ ने यह फैसला किस बिनाह पर लिया कि लक्ष्मी विलास बैंक का मर्जर DBS में ही किया जाए! इस बात की कोई जानकारी नहीं है बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन ने भी इस बात पर सवाल खड़े किये हैं.
डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं.